राजस्थान के उदयपुर में 13 साल की एक मासूम बच्ची के साथ जुल्म की सभी हदें पार कर दी गईं। इस बच्ची से डंडे के बल पर काम करवाया गया। इतना ही नहीं मना करने पर गर्म चाकू से दागा भी गया। जुल्म के कई निशान इस बच्ची के शरीर पर मौजूद हैं। बाल कल्याण समिति ने पुलिस की मदद से बच्ची को शेल्टर होम भेजा है। बच्ची अपने माता-पिता के पास जाना चाहती है। इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बाल कल्याण समिति के मुताबिक बच्ची कई महीनों से ये अत्याचार झेल रही है। आरोप है कि कई महीनों से यब बच्ची उदयपुर में रहने वाले अपने मौसेरे भाई के पास रहती थी। लड़की का मौसेरा भाई उदयपुर में ही मजदूरी करता है। बताया जा रहा है कि घर से मजदूरी करने के लिए निकलने के बाद बच्ची पर उसकी भाभी का जुल्म शुरू हो जाता था।
घर का काम नहीं करने पर उसे थप्पड़ों और डंडों से पीटा जाता था। आरोप है कि लड़की की भाभी गर्म चाकू और चिमटे से उसके हाथ-पैर व मुंह को दाग देती थी। इस बारे में पूछने पर बच्ची सहमी हुई दिखाई देती है। बच्ची को न तो परिजनों से बात करने दिया जाता है और न ही आसपास किसी से मिलने दिया जाता है।
पड़ोसियों ने दी सूचना :
जब पड़ोसियों ने बच्ची पर इस तरह का जुल्म होते देखा तो उन्होंने बाल कल्याण समिति को सूचना दी। चाइल्ड लाइन और स्थानीय थाना पुलिस की मदद से बच्ची को रोशननगर स्थित एक मकान से छुड़वाया गया और उसे शेल्टर होम भेजा गया है।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ध्रुव कुमार कविया ने बताया कि बच्ची दो साल से यहां रह रही थी। बच्ची के भाई को सब पता था, मगर वो अनजान बना रहा। वह भी बिहार का रहने वाला है और उसने असम की एक युवती से शादी की है।
काउंसिलिंग में सामने आया है कि बच्ची अपने माता-पिता के पास बिहार जाना चाहती है। वहीं, रहकर पढ़ना चाहती है। बाल कल्याण समिति ने सवीना थाने में रिपोर्ट दे दी है। अभी मामला दर्ज नहीं हुआ है। बच्ची ने बताया कि उसके छह भाई-बहन हैं। माता पिता बिहार में ही मजदूरी करते हैं।
लड़की को खरीदने का शक:
बाल कल्याण समिति को शक है कि आरोपी युवक कहीं बिहार से बच्ची को खरीदकर तो नहीं लाया है। इस सिलसिले में आरोपी युवक व उसकी पत्नी से पूछताछ की जा रही है।