दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन अब एक नई तरह की समस्या से जूझ रहा है। समस्या ये है कि चीन में अब लोग ना तो शादी करना चाहते हैं और ना ही बच्चे पैदा करना चाहते हैं। जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए चीन में कई सालों तक सिर्फ एक बच्चे का प्रावधान था जिसे 2015 में हटा लिया गया। सरकार ने कहा कि आप तीन बच्चे तक पैदा कर सकते हैं। लेकिन चीन के युवा अब ना तो शादी करना चाहते हैं और ना ही बच्चे पालना चाहते हैं। पिछले कुछ सालों में चीन में औसतन जितनी शादियां होती थी उसमें बड़ी गिरावट देखने को मिली है। यही नहीं, तलाक के मामलों में भी बड़ी गिरावट आई है। जाहिर है शादी होगी तभी तलाक होगा ना।
चीन की सरकार युवाओं में शादी ना करने के बढ़ते चलन से परेशान है। यही नहीं सरकार ने तलाक के मामलों में कमी लाने के लिए एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक तलाक की अर्जी देने वाले कपल को 30 दिन तक अनिवार्य रूप से साथ रहना होगा। अगर फिर भी वो साथ नहीं रहना चाहते तभी तलाक को लेकर कोई सुनवाई होगी।
आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में इतनी कम शादियां रजिस्टर्ड हुई कि 36 सालों का रिकार्ड टूट गया। यही वजह है कि चीन में जन्म दर में भी कमी आई है जिसे लेकर सरकार चिंतित है। शादी और बच्चे ना करने को लेकर युवाओं की अपनी दलीले हैं। कुछ युवा मानते हैं कि नौकरियों में इतनी अनिश्चित्ता है कि उन्हें नहीं लगता कि वो शादी की जिम्मेदारी उठा पाएंगे। जो युवा शादी कर चुके हैं वो परिवार को आगे नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि लिविंग कॉस्ट बहुत ज्यादा है और वो बच्चे की जिम्मेदारी नहीं संभाल पाएंगे।
वहीं कुछ लड़कियों की शादी ना करने के पीछे दलील ये है कि वो अपनी मां की तरह जिंदगी नहीं गुजारना चाहतीं। वो कहती हैं कि शादी सिर्फ एक लड़के से नहीं बल्कि पूरे परिवार से होती है और उन्हें लगता है कि शादी के बाद का समझौता अब फायदे का सौदा नहीं है। लड़कियां शादी से ज्यादा खुद को आजाद और फाइनेंशली फ्री रहना चाहती हैं।