दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा और राजनीतिक नेताओं के कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए मंगलवार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा समेत कई प्रमुख व्यक्तियों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को नए नोटिस जारी किए हैं।
हाईकोर्ट ने मंगलवार को नए नोटिस जारी किए, हालांकि, यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता ने प्रस्तावित प्रतिवादियों के नए नाम के साथ संशोधित याचिका दायर करते हुए संसाधित शुल्क दाखिल नहीं किया। इसने मामले में अब तक प्रक्रिया शुल्क दाखिल नहीं करने पर याचिकाकर्ताओं से नाराजगी भी जताई।
हाईकोर्ट ने कई राजनेताओं के खिलाफ उनके कथित भड़काऊ भाषणों के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने मंगलवार को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी और भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अन्य को नए सिरे से नोटिस जारी किए।
कोर्ट ने इन नए संशोधित पक्षों को आरोपी के रूप में बुलाने के लिए वकील पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि ये सिर्फ प्रस्तावित प्रतिवादी हैं, वे आरोपी नहीं हैं। हम उनका जवाब मांग रहे हैं क्योंकि आपने उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील को कई कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के पते देने की सलाह दी, जिन्होंने अभी तक उनके पते नहीं ढूंढे हैं या उनका नाम छोड़ दिया है।
बेंच ने याचिका पर सभी राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से जवाब मांगा, जिन्हें इस मामले में एक पक्ष के रूप में नए सिरे से पेश किया गया है। अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान और कार्यकर्ता हर्ष मंदर सहित अन्य को भी नोटिस जारी किया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए 29 अप्रैल, 2022 की तारीख मुकर्रर की है।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के संबंध में 758 एफआईआर दर्ज की हैं।