चीन के विदेश मंत्री वांग यी 26 मार्च को नेपाल के दौरे पर जा सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन संभावित यात्रा को देखते हुए एजेंडा निर्धारित जा रहा है। यह रिपोर्ट काठमांडू पोस्ट ने दी है। रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल अबकी नए प्रोजेक्ट्स के बदले 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नेपाल यात्रा के दौरान साइन किए गए पिछले समझौतों को आगे बढ़ाने को इच्छुक है।
फिजिबिलिटी स्टडी को लेकर समझौता
काठमांडू पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि चीन-नेपाल रेलवे प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी स्टडी करने के लिए एक समझौते पर साइन किया जा सकता है। इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन मंत्रालय के सचिव रवींद्र श्रेष्ठ ने बताया है कि हमें केरुंग-काठमांडू रेलवे की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए एक मसौदा समझौता ज्ञापन प्राप्त हुआ है। नेपाल फिजिबिलिटी स्टडी करने के लिए पहले वादा की गई राशि के अलावा चीन से अतिरिक्त अनुदान की तलाश कर रहा है। अगर दोनों पक्ष सहमत होते हैं, तो एक समझौते पर साइन किया जाएगा।
कोविड के कारण हुई है देरी?
2019 में शी जिनपिंग की नेपाल यात्रा के दौरान बीजिंग और काठमांडू चीनी फंडिंग के जरिए अरबों डॉलर के रेल प्रोजेक्ट को लेकर फिजिबिलिटी स्टडी करने पर सहमत हुए थे। लेकिन जिनपिंग की यात्रा के दो महीने बाद कोविड महामारी के कारण मामला अटक गया और अब तक केरुंग-काठमांडू रेलवे पर फिजिबिलिटी स्टडी नहीं शुरू हो सका है।
स्टडी पूरा करने में लगेंगे 3.5 साल
जनवरी 2022 में रवींद्र श्रेष्ठ ने चीन रेलवे प्रशासन के सीनियर अधिकारियों के साथ बातचीत की थी जहां चीनी पक्ष ने कहा था कि रेलवे प्रोजेक्ट के फिजिबिलिटी स्टडी को पूरा करने में कम से कम 42 महीने लगेंगे। चीन द्वारा 2016 में किए गए रेलवे के एक प्री-फिजिबिलिटी स्टडी में कहा गया था कि हिमालयी भूभाग रेलमार्ग के निर्माण में बड़ा बाधा बन सकता है।
फिजिबिलिटी स्टडी पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट के लिए कुल निवेश का पता चल जाएगा। हालांकि प्री-फिजिबिलिटी स्टडी एक मुताबिक 72.25 किलोमीटर के नेपाली खंड में 2.75 बिलियन डॉलर का खर्च होगा। उस रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे का करीब 98.5 फीसद पुल और सुरंग होगा और निर्माण लागत 3.55 अरब रुपये प्रति किलोमीटर होगी।