यूक्रेन पर रूसी हमलों के बढ़ते शोर के बीच दोनों देशों ने बातचीत आगे बढ़ने का दावा किया है. हालांकि हमलों में इस दौरान कोई कमी नहीं आई है और कीव की सरकारी इमारतों के पास रूसी बमों के धमाके गूंजने लगे हैं.यूक्रेन पर रूस का हमला कीव के अंदर घुसता हुआ सरकारी इमारतों के करीब आ पहुंचा है. इस दौरान कई बहुतमंजिली इमारतें रूसी बमों और तोप के गोलों का निशाना बनी हैं. बुधवार को कई इमारतों में जलती आग की लपटें और कीव के आसमान पर काले धुएं के बादल मंडराते नजर आए. कीव से सटे उपनगरों में भी काफी बमबारी हुई है. तेज हुए रूसी हमले की चपेट में खारकीव और मारियोपोल भी हैं. मारियोपोल पर तो कई दिनों से जारी घेराबंदी ने गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है. मध्य कीव के इलाके में एक बहुमंजिली इमारत की पूरी ऊपरी मंजिल हमले की चपेट में आ कर बुधवार को ध्वस्त हो गई. इसके बाद लगी आग से पूरी राजधानी के आसमान का रंग गहरा हो गया. आपातकालीन सेवा ने आग में दो लोगों के शिकार बनने की बात कही है हालांकि यह नहीं बताया है कि वो घायल हुए हैं या उनकी मौत हुई. कीव के उपनगरों पर भी बमबारी लगातार जारी है इसकी वजह से हजारों लोगों के लिए घर को गर्म रखने और पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है. रूसी सेना शहर की सप्लाई लाइन को बंद करने की कोशिश में जुटे हैं. कीव के दक्षिण पश्चिम में मौजूद मारखालिवका पर हुए हमले में रिहायशी इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. हालांकि पूरे नुकसान का अभी ब्यौरा नहीं मिल सका है. यह भी पढ़ेंः अमेरिकी सीनेट ने पुतिन को युद्ध अपराधी माना इवानकीव पर कब्जा रूस ने अब इवानकीव शहर पर कब्जा कर लिया है जो राजधानी कीव के उत्तर में करीब 80 किलोमीटर दूर है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बेलारूस की सीमा से लगते आसपास के इलाके का नियंत्रण यही शहर करता है. हमले की बौछार उत्तर पूर्वी शहर खारकीव पर भी नहीं रुकी है. यह शहर रूसी सीमा के करीब है और इस पर लगातार बमबारी हो रही है. यूक्रेनी सैनिक शहर में घूसने की रूसी सैनिकों की कोशिश को लगातार नाकाम कर रहे हैं.
इस बीच खेरसॉन के आसपास भी काफी धमाके सुनाई पड़े हैं. काले सागर से लगता यह इलाका रणनीतिक लिहाज से अहम है. राष्ट्पति के कार्यालय ने चेतावनी दी है कि यह इलाका गंभीर मानवीय संकट की चपेट में आ सकता है. क्या यूक्रेन के लोग बाहर निकल पा रहे हैं मंगलवार को स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि मारियो पोल से अलग अलग मानवीय गलियारों के जरिए 28,000 आम लोग बाहर निकलने में कामयाब हुए हैं. हजारों कारों में ये लोग बाहर गए. हालांकि इस बीच कई जगहों पर रूसी सेना के हमले चलते रहे. मारियोपोल में खाना, गर्मी और पीने के पानी की भारी कमी हो गई है. इस वजह से बहुत से लोगों के सामने जीवन का संकट है. एक स्थानीय अधिकारी ने बताया है कि रूसी सेना ने मारियोपोल के सबसे बड़े अस्पताल को अपने कब्जे में ले लिया है और सैकड़ों लोगों को इमारत में बंधक बना लिया है. मानवीय सहायता लेकर जाने वाली गाड़ियों के काफिले बार बार शहर में घुसने की कोशिश में हैं लेकिन उन्हें अकसर गोलीबारी के चलते रुकना पड़ रहा है. हालांकि कुछ सहायता वहां पहुंचाने में कामयाबी मिली है. इसके साथ ही सुमी की तरफ मानवीय गलियारे के सहारे लोगों को यहां से निकाला भी गया है. किन बातों की पुष्टि हुई है? भारी अव्यवस्था और तबाही में घिरे खारकीव के डॉक्टर कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए जूझ रहे हैं. खारकीव के रीजनल क्लिनिकल इंफेक्सियस डीजिज अस्पताल के बाहर बार बार हवाई हमलों के सायरन सुनाई दे रहे हैं. इसे सुन कर मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है. इनमें से कई वेंटीलेटर पर हैं और सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसी हालत में उन्हें भाग कर बम शेल्टर में शरण लेनी पड़ रही है. अस्पताल के डॉक्टर नावेल नार्तोव ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, “बमबारी सुबह से लेकर रात तक चलती है. यह किसी भी पल हम पर पड़ सकती है” इन सब के बीच कूटनीतिक प्रयासों में भी तेजी आई है. बुधवार को एक बार फिर दोनों देशों के प्रतिनिधि अगले दौर की बातचीत करने की तैयारी में हैं.
दोनों पक्षों के रुख में नजर आ रही उम्मीद जल्दी ही किसी नतीजे के संकेत दे रही है. रूस और यूक्रेन की बातचीत कहां पहुंची रूस ने बुधवार को कहा है कि यूक्रेन के साथ चल रही बातचीत में यूक्रेन की न्यूट्रलिटी का मुद्दा सबसे प्रमुख हो गया है. प्रमुख रूसी वार्ताकार ने अलग से जानकारी दी है कि उनका देश चाहता है कि यूक्रेन स्वीडन या ऑस्ट्रिया जैसा दर्जा हासिल करे. पश्चिमी यूरोप के ये दोनों देश तटस्थ हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने न्यूट्रल बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. दोनों देश इस मामले का कोई कूटनीतिक हल निकालने की कोशिश में हैं लेकिन इस बीच रूसी हमले लगातार जारी हैं. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हुई है और आखिरी दौर मंगलवार देर शाम खत्म हुई. यूक्रेन ने रूस की बातों में “बुनियादी अंतर्विरोध” की ओर ऊंगली उठाई है. रूस यूक्रेन की न्यूट्रलिटी का मुद्दा प्रमुखता से उठा रहा है. रूसी बिजनेस चैनल आरबीके को दिए इंटरव्यू में रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने कहा है, “न्यूट्रल स्टेटस पर फिलहाल गंभीरता से चर्चा हो रही है, निश्चित रूप से इसके साथ सुरक्षा की गारंटी भी शामिल है. बातचीत में इस पर चर्चा हो रही है. मेरे विचार में बिल्कुल यही शब्द हैं और दोनों पक्ष सहमति पर पहुंचने के करीब हैं” इससे पहले दोनों पक्षों ने नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद जताई थी और यहां तक कह दिया था कि सहमति करीब हैं जिन्हें कागज पर दर्ज करने और दस्तखत करने की तैयारी है. रूस के प्रमुख वार्तकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने पत्रकारों से बपुधवार को कहा कि बातचीत धीमी और मुश्किल है लेकिन रूसी राष्ट्रपति का दफ्तर क्रेमलिन “जितनी जल्दी हो सके” शांति चाहता है. मेडिंस्की ने बताया कि प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो रही है इसमें क्राइमिया प्रायद्वीप की स्थिति और रूस समर्थक अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाके भी शामिल हैं. 30 लाख शरणार्थी बुधवार को भी हजारों शरणार्थी सीमा पर कर पड़ोसी देशों में पहुंचे हैं. यहां इनके लिए भोजन और आवास के साथ ही बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने की कोशिशें तेज हो गई हैं. युद्ध शुरु होने के तीन हफ्ते बाद शरणार्थियों के आने की रफ्तार कम हुई है हालांकि अब भी हजारों लोग रोज यूक्रेन से बाहर निकल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक 30 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से बाहर निकल चुके हैं. पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया, हंगरी और मोल्दोवा के रास्ते निकल रहे लोगों को भोजन और आवास के साथ ही दूसरे देशों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. तकरीबन 20 लाख लोग अकेले पोलैंड में दाखिल हुए हैं.
अधिकारियों उनके लिए राष्ट्रीय पहचान के नंबर जारी करने शुरू कर दिए हैं. ताकि उन्हें सामाजिक सेवाओं का लाभ और नौकरी ढूंढने में मदद मिल सके. वारसॉ के प्राथमिक विद्यालय नंबर 318 में यूक्रेन के 21 बच्चों को दाखिला दिया गया है. पोलैंड के शिक्षा मंत्री ने बताया कि पोलिश स्कूलों में अब तक 54,000 यूक्रेनी बच्चों को दाखिल किया गया है. यूनीसेफ का कहना है कि कुल मिला कर 14 लाख बच्चे भागे हैं यानी औसतन हर दिन 73,000 बच्चे. चेक गणराज्य और दूसरे देश भी बच्चों को स्कूल में दाखिल कर रहे हैं. दुनिया क्या कर रही है? तीन यूरोपीय देशों के नेता कीव का दौरा करने के बाद बुधवार सुबह वापस आ गए. पोलैंड, चेक रिपब्लिक और स्लोवेनिया के नेताओं ने जोखिम उठा कर यूक्रेन की राजधानी तक जाने का साहस दिखाया और यूक्रेन को भरोसा दिलाया कि वो उसे अकेला नहीं छोड़ेंगे. यू्क्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात में उन्होंने यह भी कहा कि जीत उसी की होगी. उनकी यात्रा के दौरान भी कीव पर बमबारी चल रही थी. यह भी पढ़ेंः भारत की नजर सस्ते रूसी तेल पर जेलेंस्की बुधवार को यानी आज दोपहर बाद अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने यह भी बताया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को 80 करोड़ की सैन्य सहायता का एलान भी आज ही कर सकते हैं. इसमें एयर डिफेंस के उपकरण भी शामिल होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति अगले हफ्ते यूक्रेन आने की भी योजना बना रहे हैं ताकि आमने सामने बैठ कर यू्क्रेन पर रूसी हमले के बारे में बातचीत की जा सके. इसके साथ ही वह ब्रसेल्स में नाटो के विशेष सम्मेलन में भी शामिल होंगे. इस बीच दुनिया भर की सरकारें रूस को सजा देने के लिए रूसी कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा रही हैं. यूरोपीय संघ ने रूसी ओलिगार्क और चेल्सी एफसी के मालिक रोमान अब्रामोविच पर भी प्रतिबंध का एलान कर दिया है. इसके साथ ही रूसी ओलिगार्कों तक लग्जरी सामान पहुंचने से रोकने के लिए नए कदम उठाए हैं. एनआर/आरपी (रॉयटर्स, एपी, एएफपी).