उत्तरी दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में सोमवार शाम एक तीन निर्माणाधीन इमारत गिर गई। इमारत में काम कर रहे करीब 12 मजदूर इमारत के मलबे में दब गए। हादसे की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। जिसके बाद स्थानीय पुलिस, दमकल और डीडीएमए की टीम मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू किया। राहत कार्य में लगी टीम ने 12 लोगों को मलबे से निकाला और अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक जांच के बाद तीन लोग घायल मिले। जबकि बाकि सभी सुरक्षित है।
घायलों का उपचार किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस मामले में लीगल एक्शन ले रही है। पुलिस के मुताबिक मौके पर अभी भारी मात्रा में मलबा पड़ा हुआ है। पुलिस का कहना है कि अभी तक इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। मलबा हटने के बाद ही पूरी स्थित का पता चल पाएगा। फिलहाल मौके से मलबा हटाया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए सूचना दी है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कश्मीरी गेट स्थित निकोलसन रोड सोमवार शाम करीब 5.24 बजे कश्मीरी गेट के चाबी गंज स्थित क्लच वाली गली में तीन मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने व मजदूरों के दबे होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने तुरंत एनडीआरएफ के अलावा डीडीएमए, कैट्स एंबुलेंस व अन्य बचाव दल को मौके पर बुलाया गया। गली बेहद संकरी होने की वजह से जेसीबी मौके पर नहीं पहुंच सकी। बचाव दल ने स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में दबे 12 लोगों को बाहन निकाला।
हादसे में ज्यादातर मजदूरों को मामूली चोटें लगी हैं। मगर तीन मजदूर चाबी गंज कश्मीरी गेट निवासी दिलीप (22), तुर्कमान गेट निवासी मो. मुसैब (35) और गली मदरसे वाली, जामा मस्जिद निवासी मो. शमी (42) को ज्यादा चोटें आईं। उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया। तीनों की हालत खतरे से बाहर है। स्थानीय लोग ने मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका व्यक्त की है। खबर लिखे जाने तक एनडीआरएफ और डीडीएमए की टीम मलबे में दबे बाकी लोगों की खोज में जुटी थीं।
रविवार को डाला गया था लिंटर
पुलिस सुत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि यहां एक दिन पहले ही लिंटर डाला गया था। पिछले 30 दिनों से यहां निर्माणकार्य तेजी से चल रहा था। लिंटर डलने के बाद आज यहां ऊपरी मंजिल का काम शुरू कर दिया गया था। मगर शेटरिंग अनियंत्रित होने के बाद एक दिन पहले ही डाला गया भारी भरकम लिंटर ढह गया।
बेसमेंट समेत तीन मंजिला थी इमारत
जिस इलाके में हादसा हुआ वहां ऑटो पार्ट्स की मार्केट और गोदाम हैं और लोगों की भीड़ भी रहती है। महज आठ फुट चौड़ी गली में इस इमारत में बेसमेंट व भूतल समेत तीन मंजिलें थीं। एक मंजिल का लिंटर एक दिन पहले ही डला था। फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि बिल्डिंग का निर्माण कौन करवा रहा था। क्या इसे बनाने के लिए कोई मंजूरी ली गई थी या नहीं।
अब तक 23 की मौत
दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया कि करीब-करीब इस एक साल की अवधि में 23 लोगों की मौतें इमारत गिरने पर मलबे में दबकर हुईं हैं और 123 लोग घायल हुए हैं।