गोरखपुर में प्रधान डाकघर व विश्वविद्यालय शाखा में वर्षों से बंद पड़े पेंशन व अन्य सरकारी खातों को सक्रिय कर 50 लाख से अधिक की रकम उड़ाने का मामला उजागर हुआ है।
प्रवर डाक अधीक्षक ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में प्रधान डाकघर के सिस्टम मैनेजर शैलेश सिंह व विश्वविद्यालय शाखा के लिपिक गीतेश पाण्डेय को निलम्बित कर जांच बैठा दी है।
उधर, मामला खुलने के बाद आरोपियों ने यूसीआर खाते में 40 लाख रुपये जमा भी कर दिए है। जांच अधिकारियों का कहना है कि घालमेल की रकम अभी और बढ़ सकती है।
दरअसल, छह माह पहले कूड़ाघाट डाकघर में खातों से 10 लाख रुपये निकालने का मामला सामने आया था। वित्तीय अनियमितता के आरोप में प्रवर डाक अधीक्षक (एसएसपी) ने लिपिक शैलेन्द्र कुमार सिंह को निलम्बित कर जांच बैठा दी।
जांच के दौरान शहर के आधा दर्जन डाकघरों में इस तरह का खेल सामने आया। प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय के मुताबिक शुरुआती जांच में प्रधान डाकघर के सिस्टम मैनेजर की मिलीभगत से बंद पड़े खातों को सक्रिय कर करीब 50 लाख की रकम निकालने का दो डाकघरों में मामला सामने आया है।
सूत्रों के मुताबिक यह रकम अभी और बढ़ सकती है। उधर, मामला खुलने पर शुक्रवार को निलंबन की कार्रवाई से पहले आरोपियों ने करीब 40 लाख रुपये विभाग के यूसीआर खाते में जमा भी कर दिया। मामले की जांच दो सदस्यीय टीम कर रही है। जांच के दायरे में कई और शाखाएं भी आ गई हैं।
प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि सालों से बंद पड़े खातों में जमा सरकारी रकम निकालने के मामले में प्रधान डाकघर के सिस्टम मैनेजर शैलेष सिंह व विश्वविद्यालय शाखा के लिपिक गीतेश पांडेय के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर की गई है।
मामले की जांच दो सदस्यीय टीम कर रही है। घालमेल की रकम अभी तक स्पष्ष्ट नहीं हो पाई है। वैसे आरोपियों ने शुक्रवार को विभाग के यूसीआर खाते में 40 लाख रुपये जमा कर दिए है। जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे हुआ बंद खातों से घालमेल
डाक विभाग के मुताबिक गोरखपुर जिले के अलग-अलग डाकघरों में हजारों की संख्या में ऐसे खाते है जो सालों से बंद पड़े है। सूत्रों के मुताबिक डाक विभाग में सक्रिय एक गिरोह ने सिस्टम मैनेजर शैलेश सिंह के माध्यम से इन खातों को सक्रिय कराया। उसके बाद कुछ खातों पर प्रधान डाकघर से एटीएम कार्ड जारी कराया गया। कुछ खातों से रकम ट्रांसफर कर दूसरे खाते में भेजी गई। कुछ खातों से विड्राल के जरिए रकम निकाली गई।
सूत्रों के मुताबिक प्रधान डाकघर के खातों से करीब 10 लाख रुपये एटीएम से निकाले गए है। छह माह पहले एसएसपी कार्यालय में तैनात एक महिला कर्मचारी ने सिस्टम की पड़ताल के दौरान मामले को पकड़ा था। इसके बाद प्रवर डाक अधीक्षक ने जांच शुरू कराई तो मामले खुलने लग।