सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावर के चारों तरफ कंटेनर की तरह ऊंची दीवार बनाई जाएगी। इससे मलबा फैलने और हादसे होने से बचाव होगा। इसके अलावा विकल्प के रूप में फाइबर सीट लगाने भी विचार किया जाएगा। सभी ऊपरी तल तक लगेगी। यह धूल उड़ने को भी रोकेगी। इन दोनों में से कौन सा उपाय लागू किया जाएगा। इसको लेकर एक-दो दिन में एडिफाइस एजेंसी निर्णय ले लेगी।
टावर ध्वस्त करने का काम एडिफाइस एजेंसी कर रही है। करीब 300 मजदूरों व मशीनों के जरिए टावरों के अलग-अलग तल पर तोड़फोड़ का काम शुरू कर दिया गया है। अभी बिना कुछ इंतजाम किए तोड़फोड़ की प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे धूल उड़ रही है और मलबा भी इधर-उधर गिर रहा है। अभी एतिहयात के तौर टावरों के सामने गुजर रही सड़क की एक लेन बंद की हुई है। इससे आसपास रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब यहां पर टावरों के चारों तरफ कंटेनर की दीवार लगाई जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया से काफी हद तक निर्माण कार्य सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि कंटेनर की दीवार नहीं बनाई गई तो जियो की फाइबर सीट लगाई जाएंगी। ये ऊपरी तल तक लगेंगी। इससे भी प्रदूषण व हादसों से बचाव होगा। वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण की एक टीम ने मौके पर जाकर काम का निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि सोमवार को उच्चतम न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान इस काम की स्टेटस रिपोर्ट दी गई। नोएडा प्राधिकरण व बिल्डर की ओर से दी गई स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक 22 मई तक टावर पूरी तरह गिरा दिए जाएंगे। करीब बचे तीन महीने के समय में ट्विन टावर के पिलर, बीम और छत को छोड़कर बाकी पूरे ढांचे को हथौड़े व मशीन से गिरा दिया जाएगा।
निशान लगाकर कटिंग शुरू कराई गई
ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका से आए दो इंजीनियरों ने चार मंजिल तक विस्फोटक लगाने के लिए निशान लगा दिए हैं। निशान लगाने के बाद मजदूरों ने वहां पर कटिंग करनी शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में और विदेशी इंजीनियरों के आने पर इसके काम में और तेजी आएगी।
एंटी स्मॉग गन लगाई
काम के दौरान यहां लगातार धूल उड़ले पर एंटी स्मॉग गन लगा दी गई है। इससे धूल उड़ने में कमी आएगी जिससे प्रदूषण कम होगा।