दिल्ली में वर्ष 2021 के दौरान महिलाओं और बुजुर्गों के प्रति अपराध में इजाफा हुआ है। यह खुलासा दिल्ली पुलिस की ओर से गुरुवार को पेश वार्षिक रिपोर्ट में किया गया। पुलिस आयुक्त ने इस दौरान महिलाओं और बुजुर्गों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।
पुलिस की ओर से पेश वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार बीते साल महिलाओं से दुष्कर्म के 1969 मामले सामने आए थे जो 2020 की तुलना में 21.69 फीसदी अधिक हैं। इसके अलावा दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या की 2429 एफआईआर बीते साल दर्ज की गई थीं जो 2020 से 17.51 फीसदी अधिक हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2021 में दुष्कर्म के 46 फीसदी मामलों में परिजन या पारिवारिक मित्र आरोपी थे, जबकि 13 फीसदी में रिश्तेदार और 11 फीसदी मामलों में पड़ोसी आरोपी थे। पुलिस के अनुसार मात्र 1.22 फीसदी मामलों में अंजान शख्स दुष्कर्म के आरोपी पाए गए। पुलिस आयुक्त ने बताया कि दुष्कर्म के 95.48 फीसदी मामलों में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि, छेड़छाड़ में 90.48 फीसदी और शीलहरण के मामलों में 85.75 फीसदी मामलों में पुलिस को सफलता मिली।
महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ये प्रमुख कदम उठाए गए
1. पिंक बूथ: दिल्ली में विभिन्न इलाकों में 60 पिंक बूथ एवं पुलिस चौकी बनाई गई है। इसमें सिर्फ महिला पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है ताकि महिलाएं आसानी से अपनी समस्या कह सकें।
2. महिला हेल्प डेस्क: प्रत्येक थानों में महिला डेस्क की स्थापना की गई है। इस पर 24 घंटे सक्रिय महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। यह डेस्क सिर्फ महिलाओं की समस्या को हल करने के लिए स्थापित किया गया है।
3. पिंक पीसीआर: इलाके में गश्त बढ़ाने के साथ-साथ पिंक पीसीआर चलाई जा रही हैं। इसमें तैनात सभी पुलिसकर्मी महिलाएं होती हैं जो हथियार से लैस होकर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित रहती हैं। इन्हें नई दिल्ली और भीड़भाड़ वाले इलाके में तैनात किया गया है।
4. शीर्ष पदों पर नियुक्ति: जिले में डीसीपी पद पर महिलाओं की तैनाती बढ़ाई गई है। वर्तमान में पांच महिला अधिकारी जिले में डीसीपीके पद पर तैनात हैं। इसके अलावा महिला इंस्पेक्टर की एसएचओ केपद पर तैनाती की गई है।
यह कदम भी उठाए
बीट में पूरी तरह से महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती: उत्तर पश्चिम जिला पुलिस की ओर से यह कदम उठाया गया है। इसमें बीट में पहले पुरुषों के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। बाद में पूर्ण रूप से महिलाओं की तैनाती कर दी गई है। महिलाओं के जिम्मे ही गश्त करने के साथ-साथ महिलाओं से सम्पर्क करने की जिम्मेदारी दी गई है।
अपराधियों के निशाने पर अकेले रहने वाले बुजुर्ग: दिल्ली में अकेले रहने वाले बुजुर्गों के प्रति अपराध में 2021 में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। दिल्ली पुलिस के अनुसार 2020 में जहां 34 मामले दर्ज हुए थे, वहीं बीते साल ऐसे 37 मामले सामने आए। इसमें 13 हत्याएं और 24 लूट की वारदातें शामिल हैं। हालांकि, 2019 की तुलना में अभी भी यह आकंड़ा कम है। वर्ष 2019 में दिल्ली में बुजुर्गों के प्रति कुल 42 अपराध दर्ज हुए थे। बीते साल दर्ज अपराध में 73 अपराधों में से 47 अपराधों को सुलझाने में पुलिस को सफलता मिली है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि वर्ष 2021 में विभिन्न थानों में तैनात पुलिसकर्मी अपने इलाके में रहने वाले बुजुर्गों से 3,24,263 बार जाकर मिले।
40 हजार से अधिक बुजुर्ग अकेले रह रहे: दिल्ली पुलिस के आकंड़ों के हिसाब से दिल्ली में 41,113 बुजुर्ग ऐसे हैं जो किन्हीं कारणवश अकेले रहते हैं। इसमें अधिकांश के बच्चे रोजगार या किसी अन्य वजह से विदेश में रहते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा का मुद्दा सबसे बड़ा है, क्योंकि अपराधियों के नजर में ये सॉफ्ट टारगेट हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा का जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि 2021 में पुलिस कर्मियों ने 5,15,830 बार बुजुर्गों को फोन कर उनका हालचाल जाना। इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने 702 बार बुजुर्गों को परेशान होने पर कॉल से सूचना मिली तो उनकी मदद करने पहुंचे। कुल 1417 बुजुर्गों ने विभिन्न तरह की शिकायतें दर्ज कराईं। पुलिसकर्मियों ने विभिन्न जिलों में अकेले रहने वाले 38714 बुजुर्गों का पहचान पत्र जारी किया और 38552 बुजुर्गों की सुरक्षा आडिट की गई।