दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की तैयारी शुरू हो चुकी है। केस वापसी के लिए दिल्ली सरकार की अंतिम मंजूरी का इंतजार है। दिल्ली पुलिस की ओर से केस वापसी के मामलों की जो सूची भेजी है, उस पर दिल्ली सरकार का गृह विभाग एक बैठक कर चुका है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अंतिम फैसले के लिए फाइल को दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के पास भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि इसमें लालकिला उपद्रव का मामला भी शामिल है।
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर वर्ष 2020-21 में राजधानी की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा था। उस दौरान 26 जनवरी 2021 को किसानों के एक मार्च के दौरान लालकिले समेत राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई थी। पुलिस ने इस मामले में पहले 25 केस दर्ज किए थे, बाद में जांच के साथ किसानों पर हिंसा समेत अन्य मामलों में कुल 54 केस दर्ज किए गए हैं।
कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसानों पर दर्ज केस भी वापस लेने की शुरुआत की गई है। राज्य सरकारों को इसपर अंतिम फैसला लेना है। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज 54 एफआईआर में से 17 मामले राज्य को भेजे हैं। यह मामले 28 जनवरी 2022 को भेजे गए थे। पुलिस का कहना है कि यह वो मामले हैं, जिसमें केस वापस लिए जा सकते हैं। उपराज्यपाल ने पुलिस के प्रस्ताव को 31 जनवरी 2022 को दिल्ली सरकार के सचिव गृह विभाग को भेज दिया है। सूत्रों की माने तो गृह विभाग एक कमेटी का गठन करके इस मामले में एक बैठक भी कर चुकी है।
अंतिम फैसले के लिए फाइल को 16 फरवरी 2022 को गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि उस समय पंजाब चुनावों के चलते गृह मंत्री सत्येंद्र जैन पार्टी प्रचार में व्यस्त थे, जिसके चलते उसपर कोई फैसला नहीं हो पाया है।