बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश को अवैध करार दिया है जिसमें कोरोना टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों को ही लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति दी थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल यह आदेश जारी किया था।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की ओर से साइन किए गए तीन आदेश आपदा प्रबंधन नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया से बिल्कुल हटकर हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि अवैध आदेशों के कारण नागरिकों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित किया गया था।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार के वकील आनिल अंतूरकर ने अदालत को सूचित किया कि विचाराधीन तीन आदेश (15 जुलाई, 10 अगस्त और 11 अगस्त, 2021 को जारी) वापस लिए गए हैं। अंतूरकर ने कहा कि हाई कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियों की भावना में राज्य कार्यकारी समिति 25 फरवरी को एक बैठक करेगी जिसके बाद नए निर्देश जारी किए जाएंगे। हालांकि, अंतूरकर ने कहा हम प्रतिबंध (बिना टीका लगे लोगों या एक खुराक लेने वालों द्वारा लोकल ट्रेनों के उपयोग पर) को वापस ले सकते हैं या कोरोना की वर्तमान स्थिति के आधार पर इसे लागू कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस स्तर पर मैं आगे कुछ नहीं कह सकता। हाई कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद और विश्वास है कि राज्य कार्यकारी समिति, 25 फरवरी को कोरोना मामलों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेगी। इसी के साथ कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तारीख तय की है।