चम्पावत जिले में नौनिहालों के सेहत से खिलवाड़ की कोशिश का मामला सामने आया है। यहां निदेशालय की ओर से बच्चों के लिए खराब और कालिख लगे एक्सपायरी अंडे भेजे गए हैं। मामला सामने आने के बाद अब अधिकारी निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं अपने क्षेत्र में खराब अंडों को बांटने से मना कर रहे आगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर दबाव बनाने की भी बातें भी सामने आई हैं।
जानकारी के मुताबिक बाल पोषण योजना के तहत चम्पावत जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को हजारों अंडे वितरित करने के लिए मिले हैं। यह अंडे तीन से छह वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्रिक माताओं के पौष्टिक वृद्धि के लिए बांटे जाने थे।
इससे पहले सरकार की ओर से टेक-होम-राशन दिया जा रहा था मगर इस बार पौष्टिक आहार के तौर पर निदेशालय से अंडे बांटे जाने हैं। मगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आए अधिकतर अंडे खराब और कालिख लगे हैं जो एक्सपायर हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने क्षेत्र में खराब अंडों को बांटने से मना कर चुकी हैं।
लेकिन उन पर जबरदस्ती बांटने का दबाव बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिले के टनकपुर बनबसा में आंगनबाड़ी केंद्रों में ही अंडे रखे हुए हैं जिनमें सैकड़ों अंडों पर काालिख लगी हुई है और कुछ टूटे हुए हैं। हालांकि अब अधिकारी इसकी निदेशालय को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है।
बाल पोषण योजना के तहत निदेशालय से अंडे मिले हैं। जिसमें अंडों के खराब होने की सूचना मिली है। हम इसकी रिपोर्ट तैयार करके निदेशालय को भेज रहे हैं। बच्चों के सेहत के प्रति विभाग सतर्क है।