राजधानी में शराब की बिक्री पर छूट का सिलसिला अभी आने वाले कुछ हफ्तों तक जारी रह सकता है।
दरअसल, आबकारी विभाग की तरफ से लाइसेंस रिन्युअल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसको लेकर वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए लाइसेंस रिन्युअल फीस जमा करने के लिए कहा गया है। 27 फरवरी तक की तिथि भी निर्धारित की गई है।
स्टॉक को लेकर अभी तक विभाग की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन तमाम वेंडरों (शराब ठेका संचालकों) का मानना है कि सरकार जल्द ही पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए भी कह सकती है। अगर चालू वित्तीय वर्ष के अंत में यानी मार्च के अंतिम सप्ताह में स्टॉक खत्म करने को कहा गया तो उससे काफी दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी। इसलिए वेंडर अब पुराना स्टॉक खत्म करने और बिक्री को बढ़ाने के लिए छूट दे रहे हैं।
बीते सप्ताह शुक्रवार शाम से शुरू हुई शराब की बिक्री पर छूट का सिलसिला अभी तक जारी है। गुरुवार को भी दिल्ली की करीब 50 से अधिक दुकान पर शराब की बिक्री पर 20 से 35 फीसदी तक की छूट दी गई। आबकारी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि वेंडर अपने स्टॉक को देखकर कीमतों में छूट और अन्य ऑफर ला रहे हैं। इसके पीछे एक आशंका नए वित्तीय वर्ष के समाप्त होने से पहले स्टॉक खत्म करने का भी आदेश जारी होने की आशंका है।
वेंडर अपने कोटे की फीस पहले से जमा कर चुके हैं। इसलिए सभी वेंडर चाहते हैं कि निर्धारित कोटे को खत्म कर दिया जाए। इसलिए उनकी तरफ से ऑफर दिया जा रहा है जो अब मार्च अंत तक जारी रह सकता है। इस वक्त दिल्ली में शराब की करीब 570 दुकानें संचालित हैं। ऑफर और छूट देने के पीछे एक दूसरी वजह बिक्री प्रभावित होना भी है। क्योंकि जब एक जोन का वेंडर छूट देता है तो फिर उसके आसपास के जोन या वार्ड में संचालित अन्य दुकानों की बिक्री स्वयं गिर जाती है, जिससे कारोबार प्रभावित होता है। इसलिए आसपास के वार्ड में संचालित शराब ठेका संचालक को भी छूट देनी पड़ रही है।
बॉर्डर इलाकों में सबसे ज्यादा छूट
हरियाणा में शराब के ठेकों पर छूट देने का प्रावधान है। इसलिए वहां बीच-बीच में छूट आ रही है। इसलिए दिल्ली के ग्राहक शराब खरीदने के लिए हरियाणा में चले जाते हैं। अब इन ग्राहकों को रोकने के लिए बॉर्डर इलाकों में छूट दी जा रही है। इससे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर क्षेत्रों से लोग शराब खरीदने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। दिल्ली के शराब कारोबारी भी मान रहे हैं कि अगर बिक्री बढ़ानी है तो उसके लिए बॉर्डर इलाकों में दिल्ली और हरियाणा से सस्ती दर पर शराब बेचनी पड़ेगी। इसलिए वहां पर अब बीते सप्ताह से नियमित छूट दी जा रही है। हालांकि, शराब की उपलब्धता के हिसाब से छूट बदलती रहती है।
भीड़ नहीं हो रही नियंत्रित
छूट के बीच शराब के ठेकों पर काफी भीड़ जुट रही है। इससे कई जगहों पर अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ रही है। बुधवार को सदर बाजार, रोहिणी और अन्य इलाकों में पुलिस बुलानी पड़ी थी। गुरुवार को कुछ अन्य इलाकों के शराब ठेकों पर इसी तरह की स्थिति देखने को मिली। यह स्थिति उस वक्त है जब आबकारी विभाग ने बीते दिनों आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि अगर कहीं पर छूट या ऑफर देने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी तो उसके लिए वेंडर स्वयं जिम्मेदार होंगे। ऐसी स्थिति में लाइसेंस तक निरस्त किया जा सकता है। साथ ही लाइसेंस रिन्युअल की स्थिति में भी देखा जाएगा कि वित्तीय वर्ष में बिक्री के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति तो नहीं बिगड़ी। इस आदेश के बाद भी स्थिति में कोई ज्यादा सुधार दिखाई नहीं दे रहा है।
गुरुग्राम का 40 फीसदी करोबार प्रभाावित
दिल्ली में शराब ठेकेदारों की तरफ से दिए गए लुभावने ऑफर से गुरुग्राम का शराब कारोबार पर 40 फीसदी तक प्रभावित होने का अनुमान है। दिल्ली के ज्यादात्तर लोग, खासतौर पर बॉर्डर के पास रहने वाले गुरुग्राम में शराब खरीदने के लिए आते थे, लेकिन अब उन्होंनें आना बंद कर दिया है। ऐसे में अब गुरुग्राम के शराब कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है। शराब कारोबारी भी अब गुरुग्राम में भी लुभावने ऑफर देने की तैयारी कर रहे हैं। आबकारी विभाग के आयुक्त अनिरूद्ध शर्मा ने बताया कि दिल्ली में शराब की दुकानें बढ़ने और शराब पर ऑफर चलने के कारण गुरुग्राम में इसका 40 फीसदी असर पड़ रहा है।