पुरानी सीमापुरी के सुनार वाली गली के जिस मकान से आइईडी बरामद की गई, उसमें करीब तीन किलो तीन किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल होने की जानकारी सामने आई है। अगर यह आइईडी फट जाता तो आसपास के 500 मीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर तबाही मच जाती। हालांकि इस आइईडी मे विस्फोटक कौन सा था? इस आइईडी को तैयार करने में क्या-क्या इस्तेमाल किया गया था? फिलहाल इसे लेकर अबतक कोई अधिकारिक बयान नही आया है। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इसमें आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट हो सकता है।
हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही इसपर खुलासा किया जाएगा। हालांकि सूत्रों की मानें तो यह विस्फोटक गाजीपुर से मिले आइईडी से काफी मेल खाता है। खासबात यह है कि एजेंसियां यह भी मान रही हैं कि कुल्लू में भी बरामद विस्फोटक इसी तरह का था। सूत्रों के मुताबिक, 29 जनवरी की रात हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पार्किग में खड़ी एक कार में हुए धमाके के तार गाजीपुर में बरामद आइईडी से जुड़े हैं।
बताया जा रहा है कि एफएसएल की टीम ने कार से जो मैगनेट बरामद किए थे, वो गाजीपुर से भी बरामद एक्सप्लोसिव से मेल खाते हैं। ऐसे में अब गुरुवार को फिर इसी तरह से मेल खाता हुआ आइईडी दिल्ली के पुरानी सीमापुरी के मकान से बरामद हुआ है। जिसको लेकर स्पेशल सेल की टीम जांच कर रही है और यह मानते हुए अपनी तफ्तीश आगे बढा रही है कि तीनों जगहों के विस्फोटक से एक ही मॉड्यूल के तार जुड़े हैं।
डिफ्यूसिंग मशीन की मदद से आइईडी के बैग को नीचे उतारा
बम डिफ्यूज करने वाली एनएसजी की टीम ने करीब सात बजे डिफ्यूसिंग मशीन की मदद से आईईडी वाले बैग को सुरक्षित नीचे उतारा। इसके बाद एनएसजी की टीम बम को दिलशाद गार्डन के जे एंड के ब्लॉक स्थित एक बड़े पार्क में ले आई। वहां आसपास की दुकानों व मार्केट को बंद करवा दिया गया। इसके अलावा वहां आने-जाने वाले ट्रैफिक को बंद कर दिया गया। एनएसजी की टीम गड्ढा खुदवाकर उसको निष्क्रय करने में जुट गई। एहतियातन मौके पर दमकल की दो गाड़ियां, एंबुलेंस सहित अन्य संबंधित एजेंसियों को टीम को बुला लिया गया। जबकि जांच से जुड़ी बाकी एजेंसियां और खुफिया इकाइयों की टीम भी मौके पर पहुंच गई।
स्पेशल सेल कई कॉल इंटरसेप्ट कर पहुंची थी सीमापुरी
पुरानी सीमापुरी इलाके में स्थित इस घर तक स्पेशल सेल की टीम गाजीपुर आरडीएक्स मामले की तफ्तीश करते हुए पहुंची। दरअसल सेल की टीम को इस घर में कुछ संदिग्धों के किराएदार के रूप में रहने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर सेल की टीम ने कई दर्जन संदिग्ध फोन कॉल इंटरसेप्ट किए, जिसके आधार पर इस घर में संदिगों की लोकेशन होने का पता चला था।
मौके पर जांच के लिए पहुंची थी, लेकिन यहां किराए पर रहने वाले लड़के नहीं मिले। वे फरार हैं। संदिग्ध लड़को की स्पेशल सेल ने पहचान कर ली है। उनकी तस्वीरें भी स्पेशल सेल के हाथ लगी हैं, ये कहा के रहने वाले हैं, यह जानकारी भी हाथ लगी है। हो सकता है ये लड़के स्लीपर सेल हों। हालांकि अभी पुलिस इस बारे में कुछ ज्यादा बताने की स्थिति में नहीं है। पुलिस बार-बार यह कह रही है कि जांच की जा रही है। जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
10-12 दिन पूर्व इस मकान में रहने आए थे तीन युवक
बिल्डिंग के मालिक आसिम ने बताया कि कुछ समय पूर्व उसके पिता कासिम की मौत हो गई थी। उसके बाद मकान की देखभाल का जिम्मा उसे मिला था। वह खुद चांद मस्जिद वाली गली में रहता है। सुनार वाली गली में उसका तीन मंजिला एक अन्य मकान है, जिसमें करीब दो माह पूर्व उसने एक युवक को इसे किराए पर दिया था। उस युवक ने बाद में कुछ और लड़कों के रहने की बात कही थी।
जांच में पता चला है कि करीब 10-12 दिन पूर्व इस मकान में तीन अन्य युवक आकर रहने लगे थे। वह क्या करते थे और कब आते-जाते थे, इसका किसी को भी पता नहीं था। मकान मालिक आसिम ने बताया कि उसने पड़ोस के प्रॉपर्टी डीलर शकील के कहने पर कमरे को आरोपियों को दिया था। इन सभी लड़कों का पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं हो सका था। आसिम की पत्नी ने बताया कि बिल्डिंग में तीन अलग-अलग परिवारों से एक आरोपियों का कमरा भी शामिल था।
दिल्ली-यूपी में करीब दर्जनों जगहों पर छापेमारी
फिलहाल पूरे इलाके में पुलिस बल का तैनात कर दिया गया है। स्पेशल सेल के अलावा बाकी जांच एजेंसियां मामले की तफ्तीश में जुटी हैं। पुलिस उस प्रॉपर्टी डीलर की भी तलाश कर रही है। पुलिस को चारों आरोपियों का फोटो और उनके मूल निवास का पता चला है। आधा दर्जन टीमों को संदिग्धों की तलाश में दिल्ली और यूपी भेजा गया है। दर्जनों स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। उधर सूत्रों का कहना है कि आरोपियों को शायद पुलिस की भनक लग गई थी। इसलिए वह कमरा बंद कर फरार हो गए। आइईडी मिलने के बाद पुलिस ने पूरी बिल्डिंग से लोगों को निकालकर उसकी तलाशी ली।
स्लीपर सेल से जुड़े हो सकते हैं फरार संदिग्ध युवक
शक जताया जा रहा है कि इस घर में रहने वाले लड़के स्लीपर सेल हो या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं। हालांकि अभीतक स्पष्ट तौर पर पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। दरअसल पुलिस ने जो कुल्लू, गाजीपुर व अब सीमापुरी में विस्फोटक बरामद किया है, उसके पैटर्न, उसकी क्वांटिटी और उसे तैयार करने के तौर-तरीकों के आधार पर यह तो कह रही है कि इसमें काफी समानता है और एक ही ग्रुप का इन तीनों ही मामलों में हाथ हो सकता है, लेकिन यह ग्रुप आखिरकार कौन सा है? और यह ग्रुप कहां से संबंध रखता है? अभी इसे लेकर असमंजस बरकरार है।