राजस्थान के उदयपुर में भैरूजी के जागरण के बाद रात 11 बजे घर लौट रहे भाई-बहन को चार बदमाशों ने रोका और बहन को जंगल में ले जाकर गैंगरेप किया। भाई ने शोर मचाया तो गांव वाले एकत्र हुए और दो बदमाशों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस और आरोपियों के रिश्तेदारों ने दबाव डालकर उस दिन राजीनामा करवा दिया। पीड़िता का पिता एसपी मनोज कुमार के समक्ष पेश हुआ, जिसके बाद उदयपुर जिले के बेकरिया थाने में बलत्कार का केस दर्ज किया गया।
पीड़िता के पिता की ओर से पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक 11 फरवरी को उनके बेटा और बेटी भैरूजी जागरण से रात 11 बजे घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में सूखा आंबा के पुल के पास से गोविंद, कमलेश, सुरेश और अन्य तीन-चार लड़के बेटी को जबरदस्ती पकड़ कर जंगल की तरफ ले गए। इन बदमाशों ने बेटी के साथ गैंगरेप किया। भाई ने शोर मचाया तो गांव के लोग एकत्र हो गए। दो लड़कों को पकड़कर स्कूल परिसर में रखा और पुलिस के हवाले कर दिया। एसएचओ शंकरलाल राव मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे थे।
पुलिस पर ये आरोप लगाए
आरोप है कि एसएचओ ने सुबह 10 बजे से शाम तक पीड़िता के पिता को बैठाए रखा। इनमें से एक अभियुक्त के पिता पुष्कर भारती गोस्वामी ने पीड़िता के बयान लिखे। पुलिस ने दबाव डालकर राजीनामा करवा दिया। उनके द्वारा दी गई गैंगरेप की रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। एसएचओ ने धमकी दी। दो दिनों तक पुलिस के लोग पीड़िता और उसके परिवार की निगरानी करते रहे।
एसएचओ ने यह बताया
बेकरिया थाने के एसएचओ शंकरलाल राव ने बताया कि जागरण में लड़कों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था। इसके बाद पीड़िता का पिता भी आया। गैंगरेप की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई थी। लिखित में यह जरूर दिया कि गैंगरेप जैसी कोई घटना नहीं हुई है। अब एसपी साहब के यहां से परिवाद आया है तो केस दर्ज कर लिया गया है।