राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक (Supertech) को घर खरीदारों को भुगतान की गई राशि ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया है। एनसीडीआरसी ने यह आदेश एक घर खरीदार दंपत्ति की याचिका पर दिया है। उन्होंने हरियाणा के सोहाना में कंपनी के हिलटाउन प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था।
डॉ. एस.एम. कांतिकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुपरटेक को छह सप्ताह के भीतर 9 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित पूरी राशि वापस करने का निर्देश दिया, जिसके बाद उस पर 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज लगेगा।
शिकायतकर्ता खरीदारों ने वकील और कंज्यूमर एक्टिविस्ट मोनिका आनंद कुमार के माध्यम से एनसीडीआरसी का रुख कर 88,82,001 रुपये की वापसी की मांग की थी। इस राशि का भुगतान शिकायतकर्ताओं ने ब्याज सहित बुक किए गए फ्लैट के कुल प्रतिफल के लिए किया था।
शिकायतकर्ताओं के वकील ने बताया कि खरीदार नीलांजन लाहिड़ी और उनकी पत्नी शिल्पी लाहिड़ी ने 2014 में एक सबवेंशन योजना के तहत सुपरटेक हिलटाउन परियोजना में एक फ्लैट के लिए आवेदन किया था। हालांकि, बिल्डर न केवल 8 साल बाद भी फ्लैट का कब्जा देने में विफल रहा, बल्कि 2018 की शुरुआत में सबवेंशन स्कीम के अनुसार प्री-ईएमआई का भुगतान करना बंद कर दिया। उन्हें दिसंबर 2019 तक कब्जा मिलना था।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने शीर्ष उपभोक्ता आयोग को अवगत कराया कि सुपरटेक के खिलाफ ईओडब्ल्यू, मंदिर मार्ग, नई दिल्ली द्वारा उसी परियोजना के संबंध में धारा 406, 420, 120 बी आईपीसी के तहत एफआईआर भी दर्ज की गई है।
शिकायतकर्ताओं ने 90,71,375 रुपये के कुल बिक्री मूल्य पर फ्लैट बुक किया था। 17 दिसंबर 2017 को उन्हें बुकिंग राशि जमा करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कंपनी को चेक के माध्यम से बुकिंग राशि के रूप में 5,00,000 रुपये का भुगतान किया। उन्होंने बताया कि पेमेंट शेड्यूल की शर्तों के तहत उनके द्वारा 1 अप्रैल 2019 तक कंपनी को कुल 84,82,001 रुपये का भुगतान किया गयाथा और कंपनी ने इसकी रसीद भी जारी की थी।