एक नये अनुसंधान में दावा किया गया है कि एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर या मोलनुपिरावीर को प्रायोगिक दवा ब्रेक्विनार के साथ मिलाकर देने पर सार्स-कोव-2 वायरस का प्रजनन बाधित हो जाता है। यह वायरस कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार है।
नेचर जर्नल में हाल ही में प्रकाशित अनुसंधान के मुताबिक, अलग-अलग के बजाय मिश्रित स्वरूप में इस्तेमाल किए जाने पर ये दवाएं ज्यादा प्रभावी साबित होती हैं।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि भले ही इन दवाओं के मिश्रण का क्लीनिकल परीक्षण नहीं किया गया है, लेकिन अध्ययन में देखा गया है कि इनमें कोविड-19 संक्रमण का बेहद प्रभावी इलाज साबित होने की क्षमता है।
मुख्य अनुसंधानकर्ता सारा चेरी ने कहा, एंटीवायरल दवाओं के उपयुक्त मिश्रण की पहचान करना बेहद जरूरी है, न केवल इसलिए कि ऐसा करने से कोरोना वायरस के खिलाफ दवाओं का प्रभाव बढ़ सकता है, बल्कि इसलिए भी कि दवाओं के मिश्रण से प्रतिरोध का खतरा काफी हद तक घट जाता है। चेरी अमेरिका स्थित पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं।
अनुसंधानकर्ताओं ने इंसान की श्वसन कोशिकाओं में सार्स-कोव-2 वायरस के जीवित अंश डालकर 18,000 दवाओं की वायरस-रोधी क्षमताओं की जांच की।
इस दौरान उन्होंने 122 ऐसी दवाओं की पहचान की, जो कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीवायरल गतिविधि दिखाती हैं। इनमें 16 न्यूक्लियोसाइड एनालॉग शामिल हैं, जो चिकित्सकीय उपयोग में आने वाली एंटीवायरल दवाओं की सबसे बड़ी श्रेणी है।
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, इन 16 न्यूक्लियोसाइड एनालॉग में रेमडेसिविर और मोलनुपिरावीर प्रमुख हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन के जरिये नसों में दी जाने वाली एक एंटीवायरल दवा है। वहीं, मोलनुपिरावीर को गोली के रूप में खाया जा सकता है।
अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग ने कोविड-19 के उपचार में इन दोनों ही दवाओं के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे रखी है। जिन 122 दवाओं की पहचान की गई, उनमें प्रायोगिक दवा ब्रेक्विनार सहित कई न्यूक्लियोसाइड बायोसिंथेसिस इंहिबिटर भी शामिल हैं।