चीन द्वारा नेपाल के क्षेत्र को अतिक्रमण किए जाने को लेकर नेपाल ने अपनी रखी है। नेपाल ने कहा है कि कथित चीनी अतिक्रमण से संबंधित मामले को कूटनीतिक तरीके से निपटा जाएगा। बता दें कि मीडिया में लीक हुए एक सरकारी रिपोर्ट के बाद चीन पर पश्चिमी नेपाल में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया है।
नेपाल सरकार ने क्या कहा है?
मामले को लेकर नेपाल के केंद्रीय मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र कर्की ने कहा है कि चीन द्वारा सीमा पर कथित अतिक्रमण से संबंधित मुद्दे से ‘रिपोर्ट के आधार पर नहीं वास्तविकता के आधार पर निपटा जाएगा’। उन्होंने कहा है कि हमारी सीमाएं, चाहे वह भारत के साथ हो या चीन के साथ, अगर इसके बारे में कोई समस्या है, तो हम राजनयिक जरिए से हल करने के लिए तैयार हैं और ये दिक्कतें पैदा नहीं होनी चाहिए और सरकार इस पर पूरी लगन से काम करेगी।
वास्तविकता के आधार पर मामले से निपटेंगे: नेपाल
ज्ञानेंद्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि सरकार मामले का अध्यनन करेगी और इस मसले पर एक आधिकारिक बयान जारी करेगी। उन्होंने कहा है कि हमें उचित समय पर वास्तविकता के आधार पर मामले से निपटना चाहिए। नेपाल सरकार ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए हमेशा प्रयास करेगी।
बता दें कि नेपाल-चीन सीमा पर विवाद का अध्ययन करने के लिए गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। टीम ने मामले का अध्ययन करने के बाद शुरुआती निष्कर्ष दिए जिससे पुष्टि हुई कि नेपाल और चीन के बीच कुछ सीमा मुद्दे थे।
चीन ने अतिक्रमण को नकारा
नेपाल के हुमला में चीन द्वारा नेपाली क्षेत्र का अतिक्रमण करने की लगातार खबरें आती रही है जिसे काठमांडू स्थित चीनी दूतावास द्वारा नकारा गया है। चीनी दूतावास ने कहा है कि चीन और नेपाल ने 1960 के दशक की शुरुआत में ही मैत्रीपूर्ण परामर्श के माध्यम से सीमा मुद्दे को सुलझा लिया है, और कोई विवाद नहीं है।
हाल ही में नेपाल में चीनी दूतावास ने कहा था कि दोनों देशों के विदेशी अधिकारी बॉर्डर संबंधित मामलों पर संचार बनाए रखते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि नेपाली लोग झूठी रिपोर्ट्स से गुमराह नहीं होंगे।