कोरोना संक्रमण के चलते दुनियाभर में लॉकडाउन जैसी स्थितियां पैदा हुईं। लोगों को घरों में रहने को कहा गया। ऐसे में लोगों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ। हाल ही में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अकेलेपन और सामाजिक अलगाव के चलते बुजुर्ग महिलाओं में हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है।
जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अकेलेपन और सामाजिक अलगाव के चलते बुजुर्ग महिलाओं में हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा करीब 27 फीसदी तक बढ़ गया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो के प्रोफेसर व अध्ययन के प्रमुख लेखक नैटेली गोलस्जेव्स्की का कहना है कि एक तरफ जहां सामाजिक अलगाव के कारण मेनोपॉज के बाद महिलाओं को दिल की बीमारी का जोखिम आठ फीसदी होता है।
वहीं, अकेलेपन की वजह से यह खतरा पांच फीसदी बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि अगर एक महिला इन दोनों परिस्थितियों से प्रभावित है, तो हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 13 से 27 फीसदी तक बढ़ जाता है।
अकेलेपन का अनुभव हुआ
नैटेली गोलस्जेव्स्की ने बताया कि मानव एक सामाजिक प्राणी होता है। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को घरों में रहना पड़ा। ऐसे में लोगों ने सामाजिक अलगाव और अकेलेपन का अनुभव किया। यही वजह है कि लोगों में कई बीमारियां का जन्म हुआ। अध्ययन में हृदय पर लंबे समय तक होने वाले प्रभावों की जांच की गई।
दोनों में अंतर समझना जरूरी
नैटेली गोलस्जेव्स्की ने बताया कि अधिकांश लोग सामाजिक अलगाव और अकेलेपन में अंतर नहीं समझ पाते। दोनों में अंतर होता है, यह लोगों को समझना होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक अलगाव का मतलब शारीरिक रूप से लोगों से दूर रहना है। उदाहरण के तौर पर कोरोना के दौरान अपने परिवार और दोस्तों से न मिल पाना। वहीं, अकेलापन एक भावना है। इसका अहसास करीबी लोगों के संपर्क में रहने और उनसे मिलने के बावजूद भी हो सकता है।
महिलाएं खुद को ज्यादा अलग महसूस करती हैं
नैटेली गोलस्जेव्स्की ने कहा कि पूर्व के अध्ययनों में पाया गया कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा सामाजिक अलगाव और अकेलापन महसूस करती हैं। वर्ष 2011-12 में ऐसे ही एक अध्ययन में अमेरिका में रहने वाली 57,825 बुजुर्ग महिलाओं से सामाजिक अलगाव और अकेलेपन के बारे में सवाल किए गए। इन महिलाओं के स्वास्थ्य को 2019 तक ट्रैक किया गया। इसमें पाया गया कि अब तक 1,599 महिलाओं को हृदय संबंधी बीमारियां हो चुकी हैं।
65 साल से ऊपर वालों में ज्यादा समस्या
अध्ययन के सह लेखक जॉन बेलेटियर का कहना है कि बुजुर्ग महिलाओं को सामाजिक अलगाव और अकेलेपन का खतरा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में से एक चौथाई सामाजिक अलगाव की शिकायत करते हैं। वहीं, 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वयस्कों में से एक तिहाई अकेले होने की शिकायत करते हैं।
मौत का प्रमुख कारण हृदय संबंधी बीमारियां
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक, हृदय संबंधी बीमारियां विश्व स्तर पर महिलाओं की मृत्यु का प्रमुख कारण है। अमेरिका में हर पांच में से एक मौत का कारण हृदय संबंधी बीमारियां हैं। वहीं, दुनिया भर में 35 फीसदी महिलाओं की मौत इसी कारण से हो जाती है। हर साल 25 करोड़ से ज्यादा महिलाओं में कोई न कोई दिल की बीमारी हो जाती है। इनमें से 90 लाख महिलाओं की मौत हो जाती है।