आबादी के लिहाज से छोटे राज्य उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करना प्रत्याशियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। फिर भी हर चुनाव में कई नेताओं ने बड़ी जीत हासिल कर अपना वर्चस्व कायम किया। इस बार भी चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे नेताओं के सामने जीत के नए रिकॉर्ड बनाने की चुनौती होगी। 2002 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो राज्य में सबसे बड़ी जीत कोटद्वार सीट से कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी ने दर्ज की थी।
उन्होंने 20087 वोट हासिल कर निर्दलीय भुवनेश खर्कवाल को 10837 वोट के बड़े अंतर से हराया था। खर्कवाल 9250 वोट हासिल कर सके थे। 2007 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत हरिद्वार सीट पर भाजपा के मदन कौशिक ने हासिल की। तब कौशिक को 45093 वोट मिले थे जबकि समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े अम्बरीश कुमार 16453 वोट हासिल कर सके थे। ऐसे में कौशिक ने 31.66 प्रतिशत के बड़े मार्जिन के साथ 28640 वोट से जीत हासिल की थी।
2012 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड हल्द्वानी से विधायक रहीं कांग्रेस की इंदिरा हृदयेश ने बनाया था। तब इंदिरा ने 42627 वोट हासिल कर भाजपा प्रत्याशी रेनु अधिकारी को 23583 वोट से मात दी थी। उनकी जीत का मार्जिन 29.68 फीसदी रहा था। रेनु मात्र 19044 वोट हासिल कर सकी थीं। 2017 में हुए चुनाव में देहरादून जिले की रायपुर सीट से भाजपा के उमेश शर्मा काऊ ने 36771 वोट से 37.37 फीसदी मार्जिन के साथ सबसे बड़ी जीत हासिल की। उमेश को कुल 59764 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रभु लाल मात्र 22993 वोट हासिल कर सके थे। इस तरह सबसे बड़ी जीत का ओवरआल रिकॉर्ड उमेश शर्मा के नाम है।
सबसे बड़ी जीत पर सर्वाधिक वोट नहीं
बीते चार चुनाव में से तीन बार ऐसा हुआ है जब सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाला प्रत्याशी भी राज्य में सबसे ज्यादा वोट हासिल नहीं कर सका था। 2002 के पहले चुनाव में सुरेंद्र नेगी ने बड़ी जीत हासिल की, लेकिन सर्वाधिक 23327 वोट हल्द्वानी सीट से कांग्रेस की इंदिरा हृदयेश ने हासिल किए। इसी तरह 2007 में मदन कौशिक सबसे बड़ी जीत के हीरो रहे, लेकिन सर्वाधिक वोट रुद्रपुर-किच्छा सीट से कांग्रेस के तिलकराज बेहड़ (46800) ने हासिल किए। मात्र 2012 में सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले इंदिरा ने सर्वाधिक वोट हासिल किए। 2017 में ज्यादा वोट रुद्रपुर सीट पर भाजपा के सिंबल पर जीते राजकुमार ठुकराल (68754) ने प्राप्त किए थे।