सीतामढ़ी, वैशाली और मुजफ्फरपुर के पश्चिमी इलाके के युवकों ने डकैती के लिए एक गिरोह बनाया है। गिरोह अलग-अलग जिलों में जाकर डकैती को अंजाम दे रहा है। कथैया में नौ केन बम के साथ गिरफ्तार रामनरेश सहनी से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि रामनरेश सहनी डकैत गिरोह को बम मुहैया कराता था। उससे पूछताछ में चिह्नित हुए डकैत गिरोह के अपराधियों को दबोचने के लिए छापेमारी चल रही है।
एसएसपी ने बताया कि रामनरेश सहनी खुद पुराना डकैत रहा है। वर्ष 1991 से 2000 के बीच डकैती की छह घटनाओ में वह आरोपित रहा है। अब उसकी उम्र 50 साल से अधिक हो चुकी है। हालांकि, अब भी वह डकैत गिरोहों के संपर्क में है। वह डकैतों को बम मुहैया कराता है। उसके घर से मिले केन बम डकैतों को ही उपलब्ध कराया जाना था। भाई से दुश्मनी के बाद उसका राज खुल गया और उसे बम के साथ गिरफ्तार किया गया है।
रामनरेश सहनी के जब्त मोबाइल के आधार पर पुलिस की सर्विलांस टीम कई संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। सीतामढ़ी और वैशाली जिले की पुलिस को भी रामनरेश सहनी से पूछताछ में मिले इनपुट से अवगत कराया गया है। कथैया थानेदार राजपत कुमार ने बताया कि बिहार एसटीएफ व आईबी के अधिकारियों की टीम ने भी रामनरेश सहनी से पूछताछ की थी। इस आधार पर एसटीएफ अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है।
कथैया पुलिस ने रामनरेश सहनी के पास से मिले केन बम की एफएसएल जांच के लिए कोर्ट से शनिवार को अनुमति ली है। अब सभी केन बम को पुलिस एफएसएल जांच के लिए भेजेगी। एफएसएल की रिपोर्ट से बम की क्षमता का आकलन होगा। विस्फोटक अधिनियम के तहत बम की जांच रिपोर्ट के आधार पर सजा तय होती है। एफएसएल रिपोर्ट अहम साक्ष्य माना जाता है।