मध्य प्रदेश के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पिवड़ाय गांव में गरीबी से तंग आकर बुजुर्ग दंपती ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घर में आर्थिक तंगी इतनी थी कि उन्होंने चाय के लिए दूध तक खरीदना बंद कर दिया था। जहर खाने के बाद दोनों ने बेटी को फोन पर कहा कि खुश रहना, अब हम जा रहे हैं।
60 वर्षीय राधेश्याम कामदार और पत्नी शिवकन्या बेटे गोपाल के साथ रहते थे। मंगलवार को जब उनका बेटा काम से बैंक गया हुआ था, उसी समय दोनों ने जहर खा लिया। इसके बाद खुड़ैल में ब्याही बेटी अलका को फोन कर जानकारी दी। उससे कहा- हम तो जा रहे हैं, अब तू खुश रहना।
बेटी ने तत्काल आसपास के रिश्तेदारों को फोन लगाया। रिश्तेदार उन्हें एमवायएच ले गए। देर रात उनकी मौत हो गई। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद उन्हें एक साथ अंतिम विदाई दी गई। अंत्येष्टि में काफी लोग शामिल हुए। गांववालों ने बताया कि राधेश्याम बचपन से दिव्यांग थे। उनके पास जमीन भी नहीं थी।
घर का खर्च चलाने के लिए पति-पत्नी मजदूरी करते थे। लॉकडाउन में मजदूरी मिलना भी बंद हो गया। इससे वे काफी परेशान रहने लगे थे। बेटा गोपाल एक फैक्टरी में काम करता था। लॉकडाउन में उसे भी काम पर आने से मना कर दिया गया था। इससे घर की हालत और खराब हो गई।