सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने अवैध ट्विन टावर ध्वस्त किए जाने के दौरान खतरा भी हो सकता है, इसके मद्देनजर करीब 100 मीटर दायरे में आसपास की इमारतों को भी खाली कराया जाएगा। ऐसे में टावर ध्वस्त किए जाने से पहले संबंधित कंपनी 100 मीटर से अधिक क्षेत्र की इमारतों का बीमा कराएगी। आसपास की इमारतों को अगर कोई नुकसान पहुंचता है तो बीमा राशि से कवर किया जाएगा।
इन टावरों को ध्वस्त करने का काम एडिफिस कंपनी करेगी। सुपरटेक बिल्डर ने इस एजेंसी के साथ अनुबंध कर लिया है। अनुबंध के बाद बिल्डर की ओर से प्राधिकरण को दी गई सूचना में बीमा कराए जाने का तथ्य शामिल है। सोसाइटी में ट्विन टावर 32-32 मंजिल के बने हैं। इन टावरों की ऊंचाई करीब करीब 102 मीटर है।
अधिकारियों ने बताया कि गिराए जाने वाले टावर नंबर-17 से टावर नंबर-1 जिसमें लोग रह रहे हैं, उसकी दूरी 9 मीटर से भी कम है। इसके साथ ही इस सोसाइटी के बगल में एटीएस विलेज सोसाइटी भी है। उस सोसाइटी की चारदीवारी करीब 35 मीटर दूर है।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर बिल्डर की एजेंसी को ट्विन टावर तोड़ने हैं। पिछले दिनों हुए प्रेजेंटेशन में एजेंसी की तरफ से बताया भी गया था कि किस तरह कंट्रोल ब्लास्ट से दोनों टावर का स्ट्रक्चर तोड़ते हुए मलबे को झरने की तरह खाली जगह में गिराया जाएगा। दोनों टावर तोड़ने के लिए एजेंसी करीब 17.55 करोड़ रुपये सुपरटेक बिल्डर से लेगी।
इसमें करीब 13.35 करोड़ रुपये का मलबा निकलेगा। एजेंसी अपना सामान पहुंचाने व तैयारी करने के लिए 90 दिन का समय लेगी। ऐसे में अप्रैल के अंत या मई के शुरुआत में किसी एक दिन 10 सेकेंड में टावर ध्वस्त किए जाएंगे। इसके बाद करीब 90 दिन मौके से मलबा हटाने में लगेंगे।
विभागों से एनओसी लेने की प्रक्रिया तेज
टावर गिराए जाने से पहले संबंधित विभागों से एनओसी लेने की प्रक्रिया तेज हो गई है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से एमडी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम, पुलिस कमिश्नर, गेल, सीएफओ, डीसीपी ट्रैफिक, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर ऑफ इक्सप्लोसिव आगरा को पत्र लिखकर एनओसी मांगी गई है।