उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 में मायावती मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। दरअसल, अभी तक बसपा ने कुल 403 सीटों में से 225 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें से 60 सीटों पर उन्होंने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। यानी अभी तक कुल 26 फीसदी सीटें मुस्लिमों को दी हैं।
मायावती ने शुक्रवार को चौथे चरण की 60 सीटों में से 53 पर अपने उम्मीदवार घोषित किए। इनमें से 16 सीटों पर मुस्लिमों को उतारा गया है। जबकि तीसरे चरण की सभी 59 सीटों में से बसपा ने 5 मुस्लिमों को उतारा है। वहीँ, दूसरे चरण की सभी 55 सीटों पर बसपा ने 23 मुस्लिम उतारे हैं। इसी तरह पहले चरण की 58 सीटों में से 16 पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं। इसका मतलब यह है कि अब तक मायावती ने कुल 225 उम्मीदवारों में से 60 सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं। ये आंकड़ा 26.66 फीसदी पहुंचता है। 2017 में 24 फीसदी मुस्लिम कैंडिडेट बसपा ने उतारे थे।
ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार के चुनाव में मायावती कभी नहीं चाहेंगी कि सपा उनसे वोट प्रतिशत के मामले में आगे निकल जाए। ऐसे में ज्यादातर मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देकर वह दलित-मुस्लिम समीकरण साधने की कोशिश में लगी हैं। ऐसा करने के पीछे वजह ये हो सकती है कि चाहे वह जीत या ना जीते लेकिन कम से कम उनका वोट प्रतिशत न गिरे। इसके साथ ही ये रणनीति सपा को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने में मददगार हो सकती है। मायावती को भाजपा से ज्यादा सपा से सियासी खतरा रहता है कि उसका वोटबैंक टूटकर सपा में जा सकता है। वहीं, इस चुनाव में यह साफ देखा जा सकता है कि अखिलेश उनके दलित वोटबैंक में सेंधमारी की भरपूर कोशिशें करने में जुटें हैं।
गौरतलब है की साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मायावती ने कुल 403 सीटों में से 99 सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट लड़ाए थे, जो कि 24 फीसदी थे। हालांकि 99 में से महज 5 ही जीत पाये थे। यानी स्ट्राइक रेट महज पांच फीसदी रहा था।