26 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खालिस्तानी झंडा लगाकर बापू का अपमान किया। यही नहीं उन्होंने भारतीय उच्चायोग के बाहर लंदन में भारतीय संविधान और ध्वज की एक प्रति भी जलाई। खालिस्तानियों ने अमेरिका और इंग्लैंड के अलावा कनाडा, इटली में भी प्रदर्शन किया। हालांकि खालिस्तानियों की इन कायराना हरकतों पर भारत की पैनी नजर बनी हुई है।
हमने संबंधित सरकारों के साथ इस मुद्दे को उठाया है: भारत
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत सरकार ने इन देशों की सरकारों से कार्रवाई करने को कहा। अमेरिका और इटली के मिलान में खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने इन मुद्दों को अन्य देशों के साथ उठाया है। उन्होंने कहा, “हाल ही में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां कट्टरपंथी तत्वों ने विदेशों में राजनयिक परिसरों में तोड़फोड़ करने की कोशिश की। वाशिंगटन डीसी में गांधी प्रतिमा को अपवित्र करने का प्रयास किया गया। हमने संबंधित मेजबान सरकारों के साथ इस मुद्दे को उठाया है और कार्रवाई का आह्वान किया है।”
खालिस्तानियों ने महेश जेठमलानी को दी धमकी
एक दिन पहले खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने सर्वोच्च न्यायालय को वकील को धमकी भरे कॉल किए। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी को SFJ ने फोन पर धमकी दी है और SFJ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट में खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा। उसने कहा, “जेठमलानी तुम देखोगे कि हम इस देश की शीर्ष अदालत में जाएंगे और हम सर्वोच्च न्यायालय में झंडा फहराएँगे।”