महाराष्ट्र में एक पिता अपने बेटे की डेड बॉडी मोटरसाइकिल से बांध कर अंतिम संस्कार के लिए लेकर गए। आम नागरिकों के लिए तमाम सरकारी व्यवस्थाओं के मर जाने वाली यह खबर झकझोर कर रख देने वाली है। घटना पालघर जिले की है। बताया जा रहा है कि यहां के एक आदिवासी गांव में रहने वाले एक पिता अपने छह साल के बेटे का शव मोटरसाइकिल पर बांध कर घर ले गए क्योंकि उन्हें कोई शव वाहन या एंबुलेंस नहीं मिला। एक सरकारी अधिकारी ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह घटना गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले की है।
बताया जा रहा है कि युवक का बेटा 24 जनवरी को त्रिम्बकेश्वर स्थित एक अस्पताल में 24 जनवरी को भर्ती हुआ था। उसे बुखार था। लेकिन यहां चिकित्सकों ने उन्हें कहा कि वो अपने बेटे को लेकर सरकारी अस्पताल में जाएं। इसलिए वो पहले अपने बेटे को लेकर मोकहाडा सरकारी अस्पताल गए और फिर वहां से जवाहर रूरल अस्पताल।
25 जनवरी को इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के पिता ने शव वाहन या एंबुलेंस का इंतजाम करने की कोशिश की। आरोप है कि अस्पताल से उन्हें वाहन इसलिए नहीं मिल सका क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। आखिरकार उन्होंने अपने बेटे के शव को मोटरसाइकिल पर बांधा और फिर उसे लेकर मोखाडा तहसील के पयारवाडी गए। सूत्रों के मुताबिक रात के वक्त वो बच्चे की डेड बॉडी लेकर करीब 40 किलोमीटर तक मोटरसाइकिल से गए।
इस मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दयानंद सूर्यवंशी ने कहा कि आम तौर पर एंबुलेंस का इस्तेमाल डेड बॉडी को ले जाने के लिए नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कई ड्राइवरों को गांव में जाने के बाद काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि गांव के लोगों ने ड्राइवरों की पिटाई कर दी है। इसलिए ड्राइवर गांव में जाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों पर आरोप है कि उन्होंने पैस मांगे हैं। इस मामले में पड़ताल कर रहे हैं।