प्रयागराज में नौकरी नहीं मिलने की वजह से छात्रों द्वारा सड़क पर उतर योगी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया है। सलोरी इलाके में प्रयाग स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर उतर छात्रों ने ट्रैक पर ही डेरा जमा दिया और काफी देर तक प्रदर्शन करते रहे। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को ट्रैक से हटाया और छात्रों को जमकर पीटा।
घटना के बाद कुछ वीडियो सामने आए। इनमें पुलिसकर्मी हॉस्टल में घुसकर छात्रों को बाहर निकाल रहे हैं, जिन्होंने उस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और सड़क पर उपद्रव मचाया था। वीडियो में कोई पुलिसकर्मी बंदूक की बट से दरवाजा तोड़ने का प्रयास करता दिखा तो कोई लातों के जरिए दरवाजा तोड़ता रहा।
वीडियो वायरल हुआ तो विपक्षी नेताओं ने हमले तेज कर दिये। समाजवादी पार्टी और प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को घेरा। कहा जा रहा है कि छात्रों के खिलाफ इस बर्बर अत्याचार को तुरंत रोका जाना चाहिए।
सपा ने ट्वीट कर लिखा कि प्रयागराज में एनटीपीसी के रिजल्ट को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा छोटा बघाड़ा लॉज में घुसकर निर्दोष विद्यार्थियों पर बर्बर लाठीचार्ज घोर निंदनीय! हर कदम पर दमन करने वाली भाजपा सरकार को युवा पलट देंगे इस बार। युवाओं का इंकलाब होगा 22 में बदलाव होगा।
प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर इस घटना पर नाराजगी जाहिर की। लिखा कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए। युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और भाजपा का अहंकार चूर-चूर होगा। युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे।
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा प्रयागराज में पुलिस ने छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है। प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए। युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं.
क्यों भड़के हैं छात्र
ये प्रदर्शन RRB (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) में एनटीपीसी यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी भर्ती के परिणाम को लेकर किया जा रहा है। छात्रों का आरोप है कि बोर्ड की तरफ से ऐन वक्त पर नियम बदल दिए गए। परिणाम आने के बाद सिर्फ पांच फीसदी छात्रों को ही नौकरी पर लिया गया। छात्रों के मुताबिक असल में ये आंकड़ा 20 फीसदी होना चाहिए था। अब उस मांग को पूरा करवाने के लिए छात्रों ने सड़क पर ये प्रदर्शन किया। ट्रैक को घेरा और घंटों बवाल काटा गया।
जब मौके पर छात्रों की संख्या ज्यादा बढ़ गई, तब प्रशासन ने भारी तादाद में पुलिस फोर्स भेजी और तब जाकर छात्रों को घटनास्थल से हटाया गया. लेकिन ये बवाल वहीं पर शांत नहीं हुआ। बाद में पुलिस ने हॉस्टल में घुस उन छात्रों को ढूंढ़ा जिन्होंने उस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। कई छात्रों को पीटा गया। उनके कमरों के दरवाजों को तोड़ा गया। सोशल मीडिया पर पुलिस कार्रवाई के कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिस वजह से विपक्ष योगी सरकार को घेर रहा है।
पुलिस ने क्या कहा?
इस घटना पर प्रयागराज एसएसपी अजय कुमार ने भी एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि अराजकता फैलाने वाले उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे और ना वो पुलिस कर्मी जिन्होंने अनावश्यक बल प्रयोग कर दहशत फैलाई है। उन्होंने ये भी बताया कि छात्र बार-बार पथराव कर रहे थे और उसके बाद आसपास के हॉस्टल के कमरों में छिपे जा रहे थे। इसको देखते हुए पुलिस कर्मियों ने उन छात्रों को कमरे से निकालने का कार्य किया।