गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) ने दावा किया है कि इस महीने दिल्ली में ठंड के कारण कम से कम 106 लोगों की मौत हुई है, जिनमें ज्यादातर बेघर लोग हैं। एनजीओ ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर सर्दियों में ऐसे लोगों के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।
हालांकि, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि ये मौतें ठंड के कारण हुई हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि सर्दियों के दौरान चिकित्सा संबंधी दिक्कतों के चलते बेघर लोगों की मौत की संख्या बढ़ जाती है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि ठंड से कोई मौत नहीं हुई है। हालांकि, बेघर लोगों के बीच अन्य समस्याओं जैसे- दुर्घटना, बीमारियां, शराब और नशीली दवाओं से संबंधित दिक्कतों के कारण मौतें होती हैं, लेकिन डीयूएसआईबी इस तरह के डेटा को नहीं रखता है।
एनजीओ की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जनवरी से 19 जनवरी के बीच दिल्ली में ठंड से 106 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा 33 मौतें उत्तरी दिल्ली जिले में दर्ज की गईं। उत्तर-पश्चिम दिल्ली में 13 और दक्षिण-पश्चिम और मध्य दिल्ली में नौ-नौ मौतें दर्ज की गईं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस अवधि के दौरान पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली में आठ-आठ लोगों की मौत हुई हैं।
सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट के सुनील कुमार अलेदिया ने दावा किया कि ये बेघर लोग हैं जो अपनी रातें खुले में, सड़क के किनारे या दुकानों के बाहर बिताते हैं। इस महीने ठंड की वजह से सबसे ज्यादा मौतें हुईं।
सीएचडी में वकील, नीति शोधकर्ता और वॉलंटियर्स शामिल हैं जो सक्रिय रूप से सरकारी नीतियों का विश्लेषण करते हैं और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जमीनी रिपोर्ट तैयार करते हैं। अलेदिया ने कहा कि सीएचडी ने 2014 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क, या जिपनेट परियोजना से यह डेटा प्राप्त किया है।
एनजीओ ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो डीयूएसआईबी के अध्यक्ष भी हैं को लिखे अपने पत्र में दावा किया है कि ठंड के मौसम के बीच 19 जनवरी तक दिल्ली में छह महिलाओं सहित 106 लोगों की मौत हो चुकी है। एनजीओ ने दावा किया कि 2014 में एक डीयूएसआईबी सर्वे ने दिल्ली में 16,760 बेघर लोगों की पहचान की थी। हालांकि, सड़क के किनारे सोने वाले बेघर लोगों की वास्तविक संख्या एक लाख से अधिक है।
डीयूएसआईबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में फिलहाल 308 शेल्टर होम हैं, जिनमें स्थायी इमारतें, अस्थायी इमारतें, पोर्टा केबिन और टेंट शामिल हैं। इनमें 9,330 बेघर लोगों को आश्रय देने की क्षमता है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 8,200 बेघर लोग इन शेल्टर होम में अपनी रात बिता रहे हैं।
अलेदिया ने कहा कि सीएचडी द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया कि कश्मीरी गेट, यमुना पुस्ता, निगम बोध घाट, जमुना बाजार, चांदनी चौक, दिल्ली गेट, आसफ अली रोड, जामा मस्जिद, आजादपुर, ओखला, बादली, किंग्सवे कैंप, निजामुद्दीन और सराय काले खां और उसके आसपास बड़ी संख्या में लोग खुले में सो रहे हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि सभी मौतों का कारण सर्दी नहीं हो सकती है, लेकिन सर्दियों में स्वास्थ्य समस्याओं से बेघर लोगों की मौत की संख्या बढ़ जाती है।