मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने अपने समर्थक वरिष्ठ नेताओं के साथ जिस तरह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किए बिना मिशन 2023 के लिए बैठक बुलाई, वह इसका साफ संकेत है। आज सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ जब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह धरना देने निकले तो कमल नाथ की स्टेट हैंगर पर सीएम से मुलाकात होना महज संयोग नहीं माना जा रहा है। यह राजनीति का एक हिस्सा बताया जा रहा है।
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने मिशन 2023 को लेकर एक बैठक बुलाई थी। इसमें जिला कांग्रेस के अध्यक्षों तथा प्रभारियों को बुलाया गया था। विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों के लिए बुलाई गई इस बैठक में ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व केंद्री मंत्री अरुण यादव, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह आमंत्रित नहीं किए जाने की फुसफुसाहट होने लगी। हालांकि वहां किसी तरह इस पर चर्चा नहीं हुई मगर इन नेताओं की ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में गैर मौजूदगी से मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक होने के संकेत नहीं है।
सीएम-कमलनाथ मुलाकात की राजनीति
जिला अध्यक्षओं और प्रभारियों की बैठक में कांग्रेस दिग्गजों को आमंत्रित नहीं किए जाने के बाद दिग्विजय सिंह के सीएम के खिलाफ धरना और उसी समय सीएम की कमलनाथ से मुलाकात की राजनीति पर कांग्रेस संगठन के भीतर चल रही उथल-पुथल की आशंका को और बल मिला। इसको लेकर जब मीडिया ने कमलनाथ से सवाल किया तो वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि मुझे सीएम ने कोई समय नहीं दिया बल्कि संयोग से उनकी मुझ से स्टेट हैंगर पर मुलाकात हुई।
संगठन की सफाई
प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने जिला कांग्रेस अध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक में दिग्विजय, यादव, अजय सिंह व राजेंद्र सिंह को आमंत्रित नहीं किए जाने पर कहा कि वे सभी बड़े नेता हैं। पार्टी में बड़़े पदों पर रहे हैं। जिला अध्यक्ष या जिला प्रभारी भी नहीं हैं। इसलिए इन्हें बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया।