यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। मामले को लेकर अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो हम रूस पर ऐसे प्रतिबंध लगाएंगे जो रूस ने कभी नहीं देखे होंगे। उन्होंने कहा है अगर रूस हमला करता है तो हम रूस की इकॉनमी को गंभीर नुकसान पहुंचाने को तैयार हैं। वहीं पुतिन ने पश्चिमी देशों से गारंटी मांगी है कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) आगे पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा।
यूक्रेन को क्यों खतरा?
सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि रूस ने हाल के हफ्तों में बढ़ते तनाव के बीच क्रीमिया और यूक्रेन के पास अपनी सेना का जमावड़ा करना जारी रखा है। तस्वीरों में कई बख्तरबंद गाड़ियां, टैंक और एयर डिफेंस मिसाइल भी देखे गए हैं। अमेरिका के मुताबिक़ रूस ने अपने पूर्वी बॉर्डर पर एक लाख से अधिक सैनिकों को जमा कर दिया है।
यूक्रेन की सामरिक स्थिति
मौजूदा हालात को समझने के लिए यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति और रूस और यूक्रेन का इतिहास जानना जरूरी है। यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा रहा है। यूक्रेन का रूस से निकट संबंध रहा है। सिर्फ संबंध सिर्फ भौगोलिक नहीं सांस्कृतिक भी रहा है। यूक्रेन की सबसे बड़ी भाषा रूसी है।
नाटो सदस्यों के साथ यूक्रेन की भौगोलिक निकटता के कारण रूस हमेशा से यूक्रेन के नाटो गठबंधन में शामिल होने से आशंकित रहा है। रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद यूक्रेन के नाटो में शामिल में होने के कयास लगाए जाते रहे हैं। ऐसे में अगर यूक्रेन नाटो ग्रुप में शामिल होता है तो अमेरिकी नेतृत्व में नाटो सैनिक रूस के बॉर्डर के पास तक पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि रूस ने सीधी मांग रखी है कि यूक्रेन को किसी भी कीमत पर नाटो में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
रूस क्या चाहता है?
रूस ने दिसंबर 2020 में कहा था कि नाटो पूर्वी यूरोप में अपनी सभी सैन्य गतिविधियों को छोड़ दे। इसमें पोलैंड और बाल्टिक्स से नाटो बटालियनों की वापसी की मांग शामिल थी। रूस ने मांग की है कि नाटो को यूक्रेन को कभी भी सदस्य के तौर पर स्वीकार नहीं करना चाहिए। रूस ने कानूनी गारंटी मांगीहै कि भविष्य में नाटो या कोई और ग्रुप रूस के पूर्व के देशों को अपने साथ नहीं जोड़ेगा। इस सबके साथ ही रूस ने यूरोप में अमेरिका के परमाणु निरस्त्रीकरण की भी मांग की।
रूस की इन मांगों से साफ है कि वह चाहता है कि अमेरिका को नाटो देशों से अपनी सेना वापस लेनी होगी। इसके साथ ही पोलैंड, एस्टोनिया, लातविया, स्लोवाकिया, हंगरी और लिथुआनिया जैसे देशों को हथियारों की आपूर्ति को रोकना होगा।
मौजूदा हालात
रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर लगातार सेना में बढ़ोतरी की है। लेकिन रूसी सरकार ने लगातार कहा है कि यूक्रेन पर किसी तरह की हमले की कोई योजना नहीं है। हालांकि पुतिन ने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो उचित जवाबी सैन्य तकनीकी उपाय किए जाएंगे।
अमेरिका ने कहा है कि रूस यूक्रेन पर और सैनिकों की तैनाती में जुटा हुआ है और बहुत कम वक्त में रूस वहां लाखों सैनिक तैनात कर सकता है। अमेरिका ने रूस को लगातार चेतावनी दी है और बेहद कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी है। जर्मनी ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर वह यूक्रेन पर हमला करता है तो वह नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन से रूस को काट सकता है। बता दें कि नॉर्ड स्ट्रीम 2 यूरोप में एक ऑफशोर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन है जो रूस से जर्मनी तक बाल्टिक सागर के नीचे चल रही है।