बहुचर्चित हाथरस रेप कांड के पीड़ित परिवार ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। पीड़िता के परिवार का कहना है कि उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। पीड़िता के भाई ने कहा कि वे राजनीति के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं क्योंकि बहन के लिए न्याय मांगना उनकी पहली प्राथमिकता है न की चुनाव लड़ना। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने पीड़ित परिवार के सदस्य को टिकट देकर विधानसभा चुनाव लड़ाने की बात कही थी। पीड़िता के भाई ने कांग्रेस के टिकट देने के बारे में कहा कि कांग्रेस ने हमें इस लायक समझा उनका स्वागत करते है। मामला अभी कोर्ट में चल रहा है डेढ़ साल हो गया अभी तक न्याय नही मिला इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
पीड़िता के छोटे भाई ने कहा, ‘मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। डेढ़ साल हो गया, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला। इसलिए हम चुनाव नहीं लड़ सकते। ‘ उन्होंने कहा कि तक किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है। हमारा मकसद सिर्फ बहन को न्याय दिलाना है, अगर कोई हमसे संपर्क करना चाहता है, तो उसका स्वागत है। लेकिन अभी तक हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। ‘ उन्नाव रेप पीड़िता की मां को टिकट देने के कांग्रेस के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस मामले में फैसला सुनाया जा चुका है और आरोपी को दोषी ठहराया गया है।
गौरतलब कि उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के चंदपा गांव में 14 सितंबर 2020 को दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना हुई और आरोपियों ने उसपर जानलेवा हमला भी किया। बाद में पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना के बाद विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी कांग्रेस महासचिव श्याम सुंदर उपाध्याय का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन पार्टी की रणनीति लोगों को सशक्त बनाने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने और दूसरों की भी मदद करने के लिए टिकट देना है। ज्ञात हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिला शक्ति को रेखांकित करने के लिए ‘लड़की हूं लड़ शक्ति हूं’ का नारा दिया है और घोषणा की है कि पार्टी महिलाओं को 40% टिकट देगी। 125 उम्मीदवारों की पहली सूची में कांग्रेस ने 50 महिलाओं को टिकट दिया है।