गाजीपुर मंडी में मिले बम के मामले की जांच में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एक महीने के भीतर खरीदे गए सिम कार्ड व मोबाइल फोन डाटा की जांच कर रही है। दरअसल पुलिस को यह शक है कि बम प्लांट करने की साजिश सीमापार में रची गई थी और वहीं से स्लीपर सेल के सदस्यों को निर्देश भी दिए गए हैं।
ऐसे में अगर इन संदिग्ध नंबरों तक पुलिस पहुंचती है तो आरोपियों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इस बात के मद्देनजर गाजीपुर मंडी के आसपास और मंडी से सटे गाजियाबाद के इलाके में जितनी भी मोबाइल की दुकानें है उसने पिछले 1 महीने का डेटा इकट्ठा कर रही है दुकानदारों से पिछले एक महीने का मोबाइल बिक्री और सिम कार्ड का को खरीदने वालों की डिटेल्स ली जा रही है।
एक किलोमीटर दायरे के डंप डाटा की जांच
स्पेशल सेल की टीम ने गाज़ीपुर मंडी और उसके आसपास के मोबाइल टावर से डंप डाटा भी लिया है। ये डंप डाटा पुलिस को कॉल मिलने से 2 घंटे पहले और 2 घंटे बाद का लिया गया है गाज़ीपुर मंडी के एक किलोमीटर के दायरे में उस समय जितने भी नंबर एक्टिव थे उन सभी नंबरो की बारीकी से जांच की जा रही है। इन सभी नंबरों को फिल्टर करके पुलिस संदिग्धों की पहचान में जुटी है।
गाजीपुर व पंजाब में मिली आइईडी में है समानता
स्पेशल सेल के सूत्रों की मानें तो ये साजिश पाकिस्तान ने रची और इसमें खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान की आईएसआई के हाथ होने का शक है। स्पेशल सेल को यह भी शक है कि स्लीपर सेल ने ही बम को गाजीपुर मंडी के गेट पर प्लांट किया होगा। इतना ही नहीं सेल के सूत्रों का ये भी कहना है कि इसके तार पंजाब से भी जुड़े हो सकते हैं।
दरअसल स्पेशल सेल ये बात इसलिए कह रही है क्योंकि दिल्ली में जो आइईडी बरामद की गई है, उसमें और पंजाब में मिल रही आईईडी में काफी समानता है। ये वो आइईडी हैं जो पिछले 6 महीनों से पंजाब में मिल रही हैं। दरअसल पिछले साल पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब के अलग-अलग इलाकों में 40 के करीब ड्रोन आए थे इन सभी ड्रोनों में हथियार, गोला बारूद और विस्फोटक था। इन सभी ड्रोनों से जो विस्फोटक गिराए गए थे वो बरामद कर लिए गए थे। लेकिन एजेंसियों को ऐसा लगता है कि कुछ जरूर होंगे जो आतंकियों के हाथ लगे।
80 फुटेज की चल रही है जांच
वहीं मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम गाजीपुर मंडी और आसपास के इलाक में लगे करीब 80 सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। साथ ही पड़ोसी दिल्ली से लेकर आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर डिटेल हासिल करने के लिए संबंधित एजेंसियों के संपर्क में भी है