सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई ऐप के बाद अब ऑडियो-चैट एप्लिकेशन ‘क्लब हाउस’ ऐप को लेकर बवाल मचने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। एक खास समुदाय की महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से अश्लील टिप्पणी करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल इस ऐप की चैट सामने आई तो दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
क्या है क्लबहाउस
क्लबहाउस एप ऑडियो चैट पर आधारित एक सोशल नेटवर्किंग एप है। इस एप के जरिए उपयोगकर्ता अपनी रुचि के विभिन्न विषयों पर अपनी पसंद के लोगों से बातचीत, चर्चा या साक्षात्कार कर सकता है। यही नहीं कॉमन इंट्रेस्ट के लोगों के बीच आपसी सहमति के बाद एक-दूसरे की चर्चा सुन भी सकते हैं। इसमें पार्ट टॉक बैक, पार्ट कॉन्फ्रेंस कॉल, पार्ट हाउसपार्टी, क्लबहाउस ऑडियो-चैट जैसे कई फीचर्स हैं।
क्लबहाउस एप में चैट सेशंस होते हैं, जिनमें लोग समूह बनाकर चर्चाएं कर सकते और अपनी बात रख सकते हैं। इसके तहत ही एक खास समुदाय की महिलाओं को लेकर ग्रप के सदस्यों ने आपस में चर्चा की। क्लबहाउस चैट की यह विवादित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे लेकर हल्ला मचा है। तमाम महिला संगठन इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कह रहे हैं।
क्लबहाउस के लिए जरूरी है आमंत्रण
खास बात ये है कि क्लबहाउस ऐप को आप दूसरे एप्स की तरह प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड नहीं कर सकते। इसे इस्तेमाल करने के लिए एक खास तरह का आमंत्रण जरूरी है। ये आमंत्रण वही व्यक्ति भेज सकता है, जो वर्तमान में इस एप का इस्तेमाल कर रहा हो। वर्तमान यूजर की भी सीमा तय है।वह अधिकतम दो ही लोगों को इस तरह का आमंत्रण भेज सकता है।
सुल्ली डील्स, बुल्ली बाई और अब चर्चा में ये ऐप
खास समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाने के लिए कुछ लोग अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। पहले जुलाई, 2021 में सुल्ली डील्स ऐप सामने आया था। इस ऐप में महिलाओं की तस्वीरें उनके सोशल मीडिया अकाउंट से चुराकर इस्तेमाल की गई और उनकी बोली लगाई गई थी। ये ऐप गिटहब ओपन सोर्स पर बनाया गया था, महिलाओं ने रिपोर्ट दर्ज कराई, कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई तब जाकर इस ऐप को बैन किया गया।
इसके बाद इस साल की शुरुआत में सुल्ली डील्स के जैसा ही एक और ऐप सामने आया इसका नाम था ‘बुल्ली बाई’ ऐप। इसे भी गिटहब पर बनाया गया था। इसे लेकर इस साल की पहली जनवरी को एक महिला पत्रकार ने ट्वीट किया और यह बताया कि उनकी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करके इस ऐप पर उनकी बोली लगाई जा रही है।
एक ही ओपन सोर्स में बने होने के अलावा दोनों ही ऐप में कई समानताएं थीं। दोनों में खास समुदाय की महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी, उनके लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा था। हालांकि पुलिस ने दोनों ही मामलों के आरापियों को गिरफ्तार कर लिया है।