मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की टीम दो से तीन दिनों के अंदर बिहार दौरे पर फैसला लेगी।
भारत में चुनाव कराने में बड़ी संख्या में मतदाता, भौगोलिक व भाषायी विविधता व भिन्न जलवायु परिस्थितियों के कारण विकट रूप से चुनौती देते हैं। उन्होंने बिहार चुनाव की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि यहां मतदाताओं की संख्या 7.29 करोड़ है।
श्री अरोड़ा ने चुनाव पर कोविड-19 के प्रभाव को बताया और कहा कि किस तरह इसे लेकर सामाजिक दूरी और अन्य दूरगामी उपायों के संबंध में पूर्व के निर्देशों पर विचार किया गया है। एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या डेढ़ हजार से घटाकर एक हजार कर दी गई। मतदान केंद्रों की 65 हजार से एक लाख हो गई। इन परिवर्तनों में भारी रसद व जनशक्ति की जरूरत होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सोमवार को निर्वाचन आयोग के तत्वावधान में ‘कोरोना काल में मुद्दों, चुनौतियों और प्रोटोकॉल: देश के अनुभव साझा करना’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चुनाव आयोग के विशिष्ट और विस्तृत दिशा-निर्देशों की भी चर्चा की।
कोरोना काल में चुनाव की तैयारियां चुनौती
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कोरोना काल में चुनाव की तैयारियों की चुनौतियों का उल्लेख किया और कहा कि पोस्टल बैलेट सुविधा का विस्तार किया गया है। नवंबर-दिसंबर 2019 में झारखंड और फरवरी 2020 में दिल्ली के विधानसभा के चुनावों में पोस्टल बैलट की सुविधा बढ़ाई गई थी। जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है, दिव्यांग हैं या आवश्यक सेवाओं में लगे हैं, उन्हें पोस्टल बैलेट की सुविधा दी गई थी। इसका विस्तार करते हुए अब वैसे मतदाताओं को भी यह सुविधा मिलेगी जो कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से क्वारंटाइन हैं या अस्पताल में भर्ती हैं।
श्री अरोड़ा ने बताया कि 2021 के पहले छह महीने में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में भी चुनाव होने हैं। श्री अरोड़ा सोमवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। इस वेबिना में कोविड-19 के दौरान चुनाव कराने के अनुभवों को साझा करने के लिए दुनियाभर के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि जुड़े थे।
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-डब्ल्यूईबी) के अध्यक्ष श्री अरोड़ा ने दुनिया भर में चुनाव प्रबंधन निकायों के सामने आने वाली चुनौतियों की चर्चा की। कैसे सार्वजनिक आपातकालीन स्वास्थ्य की स्थिति में चुनाव कराए जाएं, पर बात रखी।
कोरोना का प्रभाव विभिन्न देशों में अलग-अलग
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हर देश में कोरोना का प्रभाव अलग-अलग रहा। साथ ही उससे लड़ने की क्षमता भी विभिन्न देशों की अलग-अलग है। उन्होंने दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, मंगोलिया और कई देशों का उल्लेख किया। कहा कि इन देशों ने चुनावों के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कीं। वेबिनार में दुनियाभर के 45 देशों के 120 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज दुनिया भर में इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडीज का सबसे बड़ा एसोसिएशन है।