अमेरिका के टेक्सास में एक यहूदी मंदिर में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटेन के नागरिक मलिक फैसल अकरम ने कई लोगों को बंधक बना लिया था। अकरम ने आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग की थी।
पहले आफिया को थोड़े में जान लेते हैं
आफिया एक पढ़े-लिखे पाकिस्तानी परिवार से आती हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक 9/11 अटैक के बाद आफिया का रुझान कट्टरपंथ की ओर बढ़ता गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक आफिया 9/11 के हमलों के कथित मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद से भी जुड़ी हुई थी।
अल कायदा के साथ संबंधों के संदेह में दोषी पाकिस्तानी न्यूरोसाइंटिस्ट आफिया सिद्दीकी जेल में हैं। 2010 में आफिया को अफगानिस्तान में रहते हुए अमेरिकी सैन्य अधिकारियों को मारने की कोशिश का आरोप लगा था। वह 86 साल के जेल की सजा काट रही हैं। आफिया को ‘लेडी अल कायदा’ भी कहा जाता रहा है।
पाकिस्तान सरकार के लिए आफिया है हीरो
2018 में पाकिस्तानी सीनेट ने सर्वसम्मति से सिद्दीकी की रिहाई के मामले को अमेरिका के साथ उठाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में आफिया को ‘देश की बेटी’ के तौर पर बताया गया था। पाकिस्तान के मौजूदा पीएम इमरान खान ने कई इस्लामी ग्रुप और जिहादी समूहों के साथ आफिया को रिलीज करने की मांग की थी। अफगानिस्तान पर राज कर रहे तालिबान ने भी आफिया की रिहाई को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
आफिया की तारीफ करते रहे हैं इमरान खान
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने अपने घोषणापत्र में आफिया को उन प्रवासी पाकिस्तानी लिस्ट में शामिल करते हुए कहा था कि पार्टी उनकी ‘देशभक्ति की भावना’ को महत्व देती है। पार्टी ने कहा था कि हम विदेशों में जेल में बंद सभी पाकिस्तानी को कांसुलर और कानूनी सेवाएं देंगे/। हम आफिया सिद्दीकी और उन जैसे अन्य कैदियों को वापस पाकिस्तान लाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। इमरान खान ने लगातार कहा है कि विदेशी पाकिस्तानी हमारी सबसे बड़ी संपत्ति में से हैं और हम उनका ख्याल रखने में नाकामयाब रहे हैं।