भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच बड़ी खबर सामने आई है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन ने अपने एयरबेस, एयर डिफेंस यूनिट और सैन्य पोजिशन की संख्या में बड़ा इजाफा किया है। पिछले तीन सालों में ड्रैगन ने सीमा पर अपने इलाके में हवाई ठिकानों की संख्या को दोगुना कर दिया है। स्ट्रेटफॉर की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने डोकलाम में 2017 के गतिरोध के बाद भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एयरबेस और एयर डिफेंस यूनिट सहित कम से कम 13 नए सैन्य पदों (सैन्य पोजिशन) का निर्माण शुरू किया, जिनमें लद्दाख में मौजूदा तनाव के बाद चार हेलीपोर्ट पर काम शुरू हुआ।
एक प्रमुख सुरक्षा और खुफिया कंसल्टेंसी स्ट्रेटफॉर द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में इन सैन्य ठिकानों का विवरण दिया गया है। नए सैन्य ठिकानों में तीन एयरबेस, पांच स्थायी एयर डिफेंस पोजिशन और पांच हेलीपोर्ट शामिल हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि चीन दुनिया को दिखाने के लिए शांति वार्ता का राग अलाप रहा है, मगर असल मकसद उसका सीमा के पास सैन्य ठिकानों को बढ़ाना और तनाव पैदा करना है।
स्ट्रेटफॉर के साथ सैन्य और सुरक्षा विश्लेषक सिम टैक ने रिपोर्ट में कहा कि मई महीने में मौजूदा लद्दाख तनाव की शुरुआत के बाद ही चीन ने चार नए हेलीपोर्ट पर निर्माण कार्य शुरू किया है। उन्होंने आगे कहा कि 2017 के डोकलाम विवाद ने चीन के रणनीतिक उद्देश्यों में बदलाव लाया है, जिसके तहत चीन ने पिछले तीन वर्षों में भारतीय सीमा के पास एयरबेस, एयर डिफेंस पोजिशन और हेलीपोर्ट्स की कुल संख्या को दोगुना से अधिक किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना मौजूदा एयरबेस के भीतर चार एयर डिफेंस पोजिशन और अन्य सुविधाएं जैसे अतिरिक्त रनवे और शेल्टर का निर्माण कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मौजूदा सुविधाओं के लिए अधिक वायु रक्षा प्रणाली और लड़ाकू विमान भी तैनात कर रहा है। इसके अलावा, मई की शुरुआत में सामने आने वाले लद्दाख में मौजूदा गतिरोध के बीच चीन द्वारा तिब्बती पठार पर अतिरिक्त सैनिकों, विशेष बलों, बख़्तरबंद इकाइयों और वायु रक्षा इकाइयों को तैनात करने की भी कई रिपोर्टें मिली हैं।
ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण से पता चला है कि चीन ने तिब्बत में मानसरोवर झील के किनारे सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट बनाई है और डोकलाम और सिक्किम सेक्टर में विवादित सीमा के संवेदनशील हिस्सों पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से इसी तरह की सुविधाओं का विकास कर रहा है।