महाराष्ट्र में पुणे की एक अदालत ने शहर में एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार धर्मगुरु कालीचरण महाराज को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एक दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने पर कालीचरण को अदालत में पेश किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एम ए शेख ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने कालीचरण को और हिरासत मे देने का अनुरोध नहीं किया। कालीचरण के वकील अमोल डांगे ने कहा कि जमानत के लिए आवेदन दायर किया गया है और इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। पुणे पुलिस ने रायपुर से कालीचरण उर्फ अभिजीत सरग को गिरफ्तार किया था।
यहां खड़क थाने में कालीचरण महाराज, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे, कैप्टन (सेवानिवृत्त) दिगेंद्र कुमार समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उनपर 19 दिसंबर 2021 को एकबोटे के नेतृत्व वाले हिंदू अघाड़ी संगठन द्वारा आयोजित शिव प्रताप दिन कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है। यह कार्यक्रम 1659 में छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा आदिलशाही कमांडर अफज़ल खान की हत्या किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया गया था।
कालीचरण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए, 298 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, सभी आरोपियों ने मुसलमानों और ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक दरार पैदा करने के इरादे से भाषण दिए। इससे पहले कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ में रायपुर पुलिस ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।