महाराष्ट्र पुलिस की ओर से बुली बाई ऐप प्रकरण में हुई कार्रवाई पर कथित तौर पर नेपाल के युवक ने सोशल साइट्स इंस्टाग्राम में अपना संदेश देकर सवाल उठा दिया। संदेशकर्ता युवक ने महाराष्ट्र पुलिस को चुनौती दी कि वह इस ऐप का संचालक है और महाराष्ट्र पुलिस में हिम्मत है तो वह गिरफ्तार करके दिखाए। इस पूरी पोस्ट को देखने के बाद रुद्रपुर से गिरफ्तार आरोपी युवती के परिवार ने यह जानकारी साझा की। यह पोस्ट मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगी है।
मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस की मुंबई साइबर सेल की ओर से रुद्रपुर की युवती की गिरफ्तारी सहित जगह-जगह दबिश देकर बुली बाई ऐप प्रकरण में हुई कार्रवाई सुर्खियों में आ गई थी। बुधवार को अचानक जीआईवाईयू44 नाम से सोशल साइट्स इंस्टाग्राम पर बने एक अकाउंट में कथित तौर पर नेपाल के काठमांडू के एक युवक ने अपनी पोस्ट डाली, जिसमें युवक ने खुद को बुली बाई ऐप का संचालनकर्ता होने का दावा किया। उसने कहा कि उसको भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए पाक से फंडिंग की जाती थी। ऐप से जुड़े सभी ग्रुप मेंबर निर्दोष हैं। रुद्रपुर से गिरफ्तार युवती भी निर्दोष है। उसने इंस्टाग्राम में अपनी भावनाएं डालीं और उसका फायदा उठाते हुए युवती का अकाउंट हैक कर धार्मिक टिप्पणियां की। इसके साथ ही, एक विशेष समुदाय की महिलाओं की फोटो अपलोड कर दीं। इधर, पुलिस ने इसकी भी जांच शुरू कर दी है।
‘पुलिस फ्लाइट का टिकट भेजे तो मैं आत्मसमर्पण कर दूंगा’
सोशल साइट्स इंस्टाग्राम में दिए संदेश में कथित नेपाली मूल के युवक ने महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई को गलत करार दिया। उसने चुनौती दी कि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती है। पुलिस मुंबई की फ्लाइट का टिकट बुक कर उसे भेजे तो वह मुंबई आकर खुद आत्मसमर्पण कर देगा। ऐसे में या तो कथित तौर पर युवक पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है या फिर गिरफ्तार किए गए आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
महिला पुलिस की कस्टडी में रही गिरफ्तार युवती
बुली बाई ऐप में गिरफ्तार युवती को महाराष्ट्र पुलिस की ओर से कोतवाली रुद्रपुर में मंगलवार को दोपहर में लाया गया था। इस युवती को कोतवाली में महिला पुलिस की कस्टडी में रखा गया था और पहरा लगाकर निगरानी की गई थी। कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा कोतवाली पुलिस को सूचना देने के बाद कोतवाली पुलिस ने टीम की आमद करवाकर लिखत-पढ़त कर ली थी। बुधवार सुबह महिला पुलिस कार्मिकों के आने के बाद ही स्थानीय पुलिस द्वारा सारी कागजी कार्रवाई करने के बाद युवती को महाराष्ट्र पुलिस के सुपुर्द किया गया।
दिवंगत पिता की आईडी का सिम इस्तेमाल कर रही थी लड़की
बुली बाई ऐप की मुख्य आरोपी मानी जा रही युवती जिन सिम का अपने मोबाइल में इस्तेमाल कर रही थी, उनकी आईडी को लेकर मुंबई पुलिस भ्रमित हो गई थी। यही कारण रहा, जब मुंबई साइबर सेल की टीम ने मोबाइल की सीडीआर और आईडी निकाली, तो यह आईडी पुरुष के नाम मिली। एक जनवरी को बुली बाई ऐप से मचे बवाल के बाद मुंबई की साइबर सेल पुलिस ने केस दर्ज कर इस ऐप से जुड़े हर व्यक्ति के मोबाइल नंबरों की जांच की। जांच में ज्यादातर मोबाइल स्विच ऑफ मिले, लेकिन रुद्रपुर स्थित आदर्श कॉलोनी की श्वेता सिंह का मोबाइल चालू था। पिता की मौत के बाद श्वेता उनकी ही आईडी पर जारी सिम इस्तेमाल कर रही थी। इसीलिए यह नंबर पिता के नाम पर चल रहा था। लोकेशन मिलने पर मुंबई पुलिस टीम ने रुद्रपुर में दबिश दी थी। बुधवार सुबह चार बजे मुंबई पुलिस की दो महिला सिपाही रुद्रपुर पहुंचीं। फिर श्वेता को अपने साथ ले गई।
बड़ी बहन मनीषा बोली, ‘निर्दोष है मेरी बहन’
बुली बाई ऐप मामले में पुलिस के शिकंजे में आई श्वेता की बड़ी बहन मनीषा सिंह ने छोटी बहन को निर्दोष बताया। मनीषा ने बताया कि पिता की मौत के बाद से श्वेता गुमसुम रहने लगी थी। बुली बाई ऐप के जरिए श्वेता दुख बांटना चाहती थी, लेकिन ऐप संचालक ने धोखा देकर उसकी छोटी बहन का अकाउंट हैक कर लिया। मनीषा का आरोप है कि श्वेता को मोहरा बनाया गया और अब मुंबई पुलिस उसे प्रताड़ित कर रही है। यदि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो तो वह निर्दोष साबित होगी। बुधवार को ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में मनीषा ने बताया कि 2011 में मां और 2021 में कोरोना से पिता की मौत हो गई थी। इससे श्वेता बुरी तरह से टूट गई थी, क्योंकि श्वेता का पिता से बेहद लगाव था।
‘बुली बाई ऐप’ प्रकरण में रुद्रपुर व कोटद्वार से हुई गिरफ्तारियों के बाद ऊधमसिंह नगर पुलिस को अलर्ट कर दिया है। मुंबई पुलिस को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा और जिले से जुड़ी कुछ जानकारियां महाराष्ट्र पुलिस देगी। इसकी स्थानीय स्तर पर पुलिस जांच करेगी। इसके अलावा भी पुलिस कुमाऊं की साइबर सेल की टीम से लगातार संपर्क करेगी और कोई भी नई जानकारी सामने आएगी तो उस पर तत्काल पुलिस कार्रवाई करेगी।