दिल्ली की केजरीवाल सरकार आईटीओ में नए ट्विन टॉवर बनाने की योजना बना रही हैं। इसमें विभिन्न विभागों के बड़े अफसरों के साथ मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के कार्यालय होंगे। इस प्रोजेक्ट पर दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) काम कर रहा है। इन बहुमंजिला इमारतों पर करीब 2,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। इसके लिए जमीन का भी चयन हो चुका है। ये टॉवर आईटीओ पर बनीं विकास भवन 1, एमएसओ भवन और जीएसटी भवन को मौजूदा ढांचे को तोड़कर तैयार किए जाएंगे।
खबरों की मानें तो ये दोनों टॉवर विकास भवन, एमएसओ भवन और जीएसटी भवन की कुल भूमि क्षेत्र 53,603 वर्ग मीटर है। ये दोनों टॉवर करीब 30-35 मंजिल होंगे। दिल्ली सरकार की ओर से इसके लिए सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए निविदाएं भी मंगाई गई हैं। सलाहकार समिति इस पूरे एरिया के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए मास्टर प्लान पर काम करेगी। ये सलाहकार इन टॉवर्स के डिजाइन और नए ऑफिस कॉम्प्लेक्स का प्लान तैयार करेगी।
इन टॉवरों में दिल्ली के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और पांचों मंत्रियों के अलावा एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रमुख सचिवों, सचिवों और उनके सहायक कर्मचारियों और दिल्ली सरकार के अन्य कार्यालय होंगे।
नई भवन, ग्रीन बिल्डिंग होगी, जिसमें पार्किंग की सुविधा, हर कार्यालय के सेमिनार रूम होंगे। इसके अलावा 2000, 1000 और 500 लोगों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम भी होगा। यही नहीं पूरी बिल्डिंग वाईफाई की सुविधा से लेट होगी, इसके अंदर सीसीटीवी एक्सेसट कंट्रोल सिस्टम, सब स्टेशन, सौर ऊर्जा और
नया भवन हरित भवन होगा जिसमें पार्किंग की सुविधा, उपरोक्त प्रत्येक कार्यालय के साथ संगोष्ठी कक्ष/सम्मेलन कक्ष, 2000 व्यक्ति, 1000 व्यक्ति एवं 500 व्यक्ति के सभागार की क्षमता होगी। इसके अलावा, यह अच्छी तरह से सुसज्जित वाईफाई, लैन, सीसीटीवी एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, सब-स्टेशन, सौर ऊर्जा, लिफ्ट, एस्केलेटर, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम, लाइब्रेरी और क्रेच जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद होंगी। यही नहीं बिल्डिंग में कैंटीन, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट छोटा बाजार, जिम सुविधाओं का भी इंतजाम होगा।
इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट समेत सभी नौकरशाहों का दफ्तर आईटीओ में दिल्ली सचिवालय में हैं। जिसे प्लेयर्स बिल्डिंग कहा जाता था, इस बिल्डिंग को 1982 में हुए एशियाई खेलों में आए खिलाड़ियों के लिए एक होटल के रूप में बनाया गया था। दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में सचिवालय को सिविल लाइंस से इस बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया था।