कोरोना महामारी की दस्तक के बाद से मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है। लोग इसका पालन भी करते हैं। मगर, मास्क की साफ-सफाई के मामले में वे फिसड्डी साबित होते हैं। ब्रिटेन में हुए एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है। दो हजार लोगों पर हुए सर्वे में आधे लोगों ने यह स्वीकार किया कि वे एक ही मास्क को बिना धोए दस बार तक पहनते हैं।
मास्क धोना भूल जाते है-
वहीं 46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपना फेसमास्क नियमित रूप से नहीं धोते हैं, क्यों वे ऐसा करना भूल जाते हैं। एक चौथाई लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक ही मास्क का इस्तेमाल एक साल से भी अधिक समय तक किया। उन्होंने शायद ही कभी अपने मास्क को धोने के लिए वाशिंग मशीन में डाला होगा। सर्वे में शामिल 25 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी इस अस्वच्छ आदत को बदला और जिस तरह से वे 12 महीने पहले मास्क पहनते थे, वैसे अब नहीं पहनते हैं।
एक ही मास्क से काम चलाते है-
सरकार द्वारा सूचीबद्ध कोविड परीक्षण प्रदाता मेडिक्सपॉट के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य रूप से हम अपने फेसमास्क अपनी जेब या कार में रखते हैं। इसलिए उन्हें अक्सर उस तरह नहीं धो पाते, जैसे अपने कपड़ों को नियमित रूप से धोते हैं।
दूसरा हम मास्क दिनभर नहीं पहनते, बल्कि किसी-किसी वक्त पहनते हैं, जैसे स्टोर में कुछ सामान खरीदते जाते वक्त। हालांकि, उस कम समय में भी मास्क हमारे सांस लेने से लेकर प्रदूषण तक और निश्चित रूप से संभावित वायरस कणों से गुजरता हैं। एक औसत ब्रिटिश पांच बार पहनने के बाद अपना मास्क धोता है। वहीं दस में से एक ब्रिटिश मास्क को धोने से पहले करीब पंद्रह बार पहनता है। पांच में से एक व्यक्ति के पास पहनने के लिए एक ही मास्क होता है। अगर वह उसे धो देता है तो उसके पास पहनने के लिए दूसरा मास्क नहीं होता है।
खराब होने के डर से नहीं धोते-
अन्य 13 प्रतिशत लोग इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनका मास्क इतना नाजुक है कि धोने पर खराब हो जाएगा। 51 प्रतिशत लोग अपना फेसमास्क कोट की जेब में रखते हैं। 41 प्रतिशत लोग अपने बैग में रखते हैं और 33 प्रतिशत लोग कार में मास्क रखते हैं।