नीट-पीजी काउंसिलिंग में देरी और अन्य मुद्दों पर हड़ताल पर बैठे महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टरों ने राज्य के चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशक के साथ बैठक के बाद मंगलवार को अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। रेजिडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी। कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या के बराबर गैर-अकादमिक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती की मांग को लेकर राज्य में हजारों रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था।
मुंबई के कुछ चिकित्सा कॉलेजों में पिछले बृहस्पतिवार से ही रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे। सोमवार देर शाम जारी बयान में मध्य महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर संघ (एमएआरडी) के अध्यक्ष अविनाश दाहिपले ने कहा कि नीट-पीजी काउंसिलिंग में देरी के मद्देनजर आवश्यकता के अनुसार, सभी सरकारी/निकाय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के मसले को सुलझा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि बाकी चिकित्सा कॉलेजों के लिए भत्ता जल्दी ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य नीट-पीजी काउंसिलिंग की मांग पूरी करना चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) के अधिकार में नहीं है इसलिए राष्ट्रीय चिकित्सा काउंसिलिंग समिति के निर्देश के बाद उसका समाधान निकाला जाएगा। दाहिपले ने कहा, “हमारी चार में से तीन मांगें मान ली गई थीं और राज्य में ओमीक्रोन के मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए मध्य एमएआरडी समिति ने हड़ताल वापस लेने और काम पर लौटने का निर्णय लिया है।”