ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सोमवार को मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात के बारे में कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आलोचना का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं। वे केवल तारीफ सुनना चाहते हैं। .
ओवैसी ने हैदराबाद में कहा, “सत्यपाल मलिक एक राज्यपाल हैं। भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए हैं और एक संवैधानिक पद पर हैं। आप मेरी बात पर विश्वास नहीं करते हैं लेकिन कम से कम राज्यपाल पर विश्वास करते हैं। राज्यपाल खुद कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री सच सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।”
पीएम मोदी में दिखता है अहंकार
ओवैसी ने कहा, “जब राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि किसानों की मौत उनकी वजह से हुई है, तो वह नाराज हो गए।” ओवैसी ने कहा, “तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री सच्चाई को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे पीएम का अहंकार दिखाई देता है। वह एक तानाशाह हैं जो केवल तारीफ सुनना चाहते हैं। वह सच्चाई और आलोचना को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।”
‘चुनावों के कारण वापस लिए गए कृषि बिल’
ओवैसी ने कहा, “केंद्र ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया क्योंकि उन्हें लगा कि वे उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड में राजनीतिक रूप से पिछड़ रहे हैं। चूंकि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने कृषि कानूनों को वापस ले लिया।” उन्होंने आगे कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई जैसे कड़वे सच भी सुनेंगे।”
क्या कहा था सत्यपाल मलिक ने?
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक कृषि कानूनों को लेकर लगातार मोदी सरकार पर मुखर रहे हैं। हालांकि कृषि कानूनों की वापसी के बाद उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ भी की थी लेकिन एक बार फिर से उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोला है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो उनसे मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं क्या। मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे जो आप राजा बने हुए हो। फिर उन्होंने कहा कि आप अमित शाह से मिल लो। मैं अमित शाह से मिला।”