कांग्रेस में अपने ज्यादा से ज्यादा लोगों को टिकट दिलाने की गुटों में होड़ मची हुई है। चुनाव के बाद सीएम पद का चयन विधायकों की पसंद से होना है। ऐसे में सभी गुट अभी से सियासत की बिसात पर मोहरे सेट करने की तैयारी में लग गए हैं। 25 सीटों पर घमासान भी इसीलिए मचा हुआ है। टिकट दिलाने को लेकर जबरदस्त खींचतान चल रही है।
कांग्रेस अभी 45 सीटों पर टिकट फाइनल बताए जा रहे हैं। 25 सीटों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। यही वो सीटें हैं, जहां अपने अपने गुट के लोगों को टिकट दिलाने की होड़ मची हुई है। कई-कई दावेदार सामने खड़े हैं। जिताऊ प्रत्याशी के साथ अपने पसंद के प्रत्याशी को लेकर जोर आजमाइश चल रही है। चुनाव के बाद कौन किस खेमे के साथ खड़ा होगा, इसको भी नजर में रखा जा रहा है।
चुनाव में हार जीत का क्या होगा, ये किसी को अभी पता नहीं है, लेकिन चुनाव के बाद होने वाले सियासी खेल के लिए जरूर गोटियां अभी से सेट की जा रही हैं। कोई भी धड़ा चुनाव के बाद खुद की स्थिति को कमजोर देखना नहीं चाहता। चुनाव के बाद अधिक से अधिक विधायक उनके पक्ष में खड़े रहे, इस पर सभी का जोर है। यही जोर आजमाइश टिकट वितरण में दिक्कत बनी हुई है।
इन टिकटों को लेकर स्क्रीनिंग समिति के सामने भी स्थिति साफ नहीं हो पाई। सभी क्षत्रपों ने अपने अपने लोगों के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है। हरीश, प्रीतम गुट आमने सामने: टिकटों के वितरण में कांग्रेस में हरीश व प्रीतम गुट ही आमने सामने हैं। इसके अलावा कोई दूसरा गुट नहीं है। दोनों ही गुट एक दूसरे के किले में सेंध लगाने की तैयारी में हैं।
पार्टी की पहली और अंतिम प्राथमिकता जिताऊ प्रत्याशी को टिकट देने की है। कांग्रेस में कोई गुट नहीं है, एक ही गुट है और वो है कांग्रेस गुट। ऐसे में टिकट को लेकर उसी को टिकट देने पर सभी का जोर है, जो चुनाव जीत कर आ सके।
हरीश रावत, अध्यक्ष चुनाव प्रचार समिति
कांग्रेस में हमेशा से परंपरा रही है कि जिताऊ प्रत्याशी को टिकट दिया जाए। यही परंपरा इस बार भी निभाई जाएगी। जिताऊ प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा। जिताऊ कांग्रेसी प्रत्याशी को टिकट देकर कांग्रेस प्रचंड बहुमत की सरकार बनाएगी, ये सभी की मंशा है।
प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष