पंचायत चुनाव में आरक्षण खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार की पुनर्विचार याचिका पर आज होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। केंद्र सरकार भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी लेकिन सर्वोच्च अदालत में ओबीसी आरक्षण की सभी याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई होगी। इस मामले में अब 17 जनवरी को सुनवाई होगी।
पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट गए मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार की याचिकाओं पर 17 जनवरी को सुनवाई होगी। राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा व कांग्रेस नेता जाफर पंचायत चुनाव के परिसीमन व रोटेशन को लेकर अदालत गए थे। इसमें से तन्खा की याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के एक मामले में महाराष्ट्र के लिए किए गए अपने फैसले का हवाला देकर मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण नहीं देने का आदेश किया था। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण पर पुनर्विचार याचिका लगाई थी और जल्द सुनवाई का आग्रह किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
केंद्र सरकार भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्धारित सुनवाई की तारीख पर वर्चुअल सुनवाई की और इसके लिए अगली तारीख 17 जनवरी तय की है। मध्य प्रदेश सरकार और ओबीसी संगठनों के वकील वर्चुअल सुनवाई के लिए उपस्थित हुए थे।
ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर संगठन उतरे थे मैदान में
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण के खत्म होने के बाद ओबीसी संगठनों ने भोपाल में 2 जनवरी को सीएम हाउस का घेराव का ऐलान किया था जिसकी पुलिस व प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। इससे रविवार को भोपाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बन गई थी और शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस ने आंदोलनकारियों की धरपकड़ की थी। आंदोलन में ओबीसी के अलावा एससी, एसटी से जुड़े संगठन भी उतर आए थे। भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण भी भोपाल पहुंचे थे जिन्हें भोपाल एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था और वे रात को वापस दिल्ली चले गए थे।