मां वैष्णो देवी मंदिर में 31 दिसंबर की आधी रात बाद मची भगदड़ में गोरखपुर के डॉ. अरुण प्रताप सिंह की भी मौत हो गई। जिले के चौरीचौरा क्षेत्र के रामपुर बुजुर्ग गांव के रहने वाले पूर्व प्रधान सत्यप्रकाश सिंह के इकलौते बेटे डॉ. अरुण प्रताप सिंह अपनी पत्नी डॉ. अर्चना सिंह और दोस्तों के साथ मां वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए थे। अरुण की एक महीने पहले ही शादी हुई थी। साथ गए बाकी लोग सुरक्षित हैं। नए साल की पहली सुबह मौत की खबर पहुंची तो पूरे गांव में मातम छा गया। डॉ. अरुण का शव शनिवार देर रात तक गांव पहुंचने की संभावना है। अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा।
बीएएमएस डॉ. अरुण प्रकाश नए साल पर वैष्णो देवी के दर्शन करने जम्मू गए थे। 29 दिसंबर को कार से निकले थे। उनके साथ उनकी बीएएमएस पत्नी डॉ. अर्चना सिंह और खलीलाबाद निवासी अजय, गोरखपुर शहर के अनुग्रह उर्फ मुन्ना भी अपनी पत्नियों सहित गए थे। शुक्रवार रात मंदिर में मची भगदड़ में डॉ. अरुण प्रताप की मौत हो गई। पत्नी व साथ गए अन्य बाकी लोग सुरक्षित हैं। पिता सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 9:30 बजे जम्मू अस्पताल से उनके बेटे की फोटो और हादसे में मृत्यु की सूचना वाट्सएप पर आई। इस खबर से परिवार के साथ ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। दिल के मरीज उनके माता-पिता को संभालने के लिए पूरा गांव जमा हो गया। किसी के घर चूल्हा नहीं जला।
सभी लोग घटना के बारे में जानकारी के लिए पूरे दिन टीवी से चपके रहे और सत्यप्रकाश सिंह को सांत्वना देते रहे। आसपास के गांवों के लोग भी पहुंच गए। स्थानीय भाजपा विधायक संगीता यादव भी सांत्वना देने पहुंचीं। डॉ. अरुण मां-बाप के इकलौते बेटे थे। उनसे छोटी एक बहन है, जिसकी शादी हो गई है। डॉक्टर का शव देर शाम विमान से लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचने की सूचना परिजनों को दी गई है। गांव से अरुण के चाचा शव लेने लखनऊ रवाना हो गए हैं। देर रात तक शव गांव आने की संभावना है। रविवार को अंतिम संस्कार होगा।
मेहंदी का रंग भी न छूटा और सूनी हो गई अर्चना की मांग
डॉ. अरुण प्रताप सिंह की शादी बीते 1 दिसम्बर को ही कुशीनगर जिले के पडरौना के रविन्द्रनगर धूस की रहने वाली डॉ. अर्चना सिंह से हुई थी। अर्चना के हाथों की मेहंदी का रंग भी अभी पूरी तरह नहीं छूटा था और मांग सूनी हो गई। अरुण के पिता सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि शादी के बाद से बच्चों का बाहर घूमने का प्लान था। लेकिन अरुण का कहना था कि पहले मां वैष्णो देवी के दर्शन करेंगे, इसके बाद ही कहीं और जाएंगे। इसलिए उन्होंने दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में टूर प्लान और हनीमून एक साथ प्लान किया था। उनके साथ उनके दो दोस्त अजय सिंह तथ अनुग्रह उर्फ मुन्ना सिंह भी अपनी पत्नी के साथ गए थे। अर्चना भी बीएएमएस हैं। दोनों लोग साथ ही एमडी की तैयारी कर रहे थे। शादी के बाद अब शहर में ही रहने की तैयारी थी। डॉ. अर्चना भी पति के साथ हॉस्पिटल में अपना हाथ बंटाने वाली थीं। लेकिन सुहाग उजड़ने के साथ ही अर्चना के सारे सपने चकनाचूर हो गए। अब अर्चना पर ही परिवावर की पूरी जिम्मेदारी आ गई है।