मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर राजनीतिक सरगर्मी के बाद अब अन्य पिछड़ा वर्ग के संगठन सक्रिय हो गए हैं और आज आंदोलन के ऐलान पर पुलिस ने शहर की नाकेबंदी की। इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस ने रविवार सुबह एयरपोर्ट से भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण को हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि चंद्रशेखर ने ट्वीट किया था कि बहुजनों की एकता को मजबूत करने और ओबीसी समाज के अधिकारों के लिये चल रहे महाआंदोलन में शामिल होने कल भोपाल आ रहा हूं।
ओबीसी आरक्षण पर विभिन्न संगठनों ने आंदोलन की घोषणा के बाद शनिवार से ही भोपाल में लोग आने शुरू हो गए थे जिनमें से कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। मगर इसके बाद भी कई लोग भोपाल के विभिन्न क्षेत्र में एकत्रित हो गए। इनमें से कई लोग छोटे-छोटे समूह में सीएम हाउस के सामने पहुंच गए। तख्तियां लिए ये आंदोलनकारी जब वहां पहुंचे तो जमकर नारेबाजी हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में नही थे और इसके बाद भी आंदोलनकारी पूर्व घोषित अपने कार्यक्रम के अनुसार सीएम हाउस में जमा हुए। पुलिस की घेराबंदी को तोड़ते हुए ये लोग सीएम हाउस के प्रवेश द्वार तक पहुंच गए और वहां फिर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।
राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप के बाद संगठनों का आंदोलन
पंचायत चुनाव में आरक्षण खत्म किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजनीतिक दल इसको लेकर एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं लेकिन अब अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के संगठन सामने आ गए हैं। ओबीसी महासभा सहित अन्य संगठनों ने रविवार को आंदोलन का ऐलान किया था जिसे प्रशासन और पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने के लिए आंदोलनकारियों को 107 के नोटिस जारी किए थे औऱ शहर की सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई थी।
शहर की सीमाओं पर हिरासत में लिए गए लोग
शहर के विभिन्न जिलों से लगी सीमाओं पर आने वालों लोगों को हिरासत में भी लिया गया। बिलखिरिया, मिसरोद, एयरपोर्ट व इंदौर की तरफ से आने वाले रास्तों पर सख्ती के साथ लोगों को बैठाया गया है। आंदोलन में शामिल भीम आर्मी के भी उतरने से पुलिस ने उसके नेताओं पर निगरानी करते हुए कुछ को हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में धर्मेंद्र कुशवाह, लोकेंद्र गुर्जर जैसे नेता शामिल रहे थे।
प्रदर्शनकारियों को घेर लौटा रही पुलिस
ओबीसी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे विभिन्न संगठनों के नेताओं को भोपाल सीमा से ही लौटाया जा रहा है। इंदौर की तरफ से आ रहे ऐसे संगठनों के नेताओं को सबसे ज्यादा रोककर लौटने की कार्रवाई की गई, जहां टोलटैक्स नाका पर ही पुलिस ऐसे वाहनों की घेराबंदी की गई है। युवा आदिवासी संगठन जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा और उनके साथियों को भोपाल सीमा से पुलिस अपने और उनके निजी वाहनों में वापस इंदौर सीमा तक ले गए।
कांग्रेस ने कहा भाजपा का चेहरा बेनकाब करेगी
आंदोलनकारियों के समर्थन में मध्य प्रदेश कांग्रेस उतरी है। कांग्रेस के ओबीसी चेहरे और पूर्व मंत्री व विधायक कमलेश्वर पटेल, पूर्व विधायक व पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने कहा है कि कांग्रेस भाजपा के ओबीसी विरोधी चेहरे को बेनकाब करेगी। ओबीसी आरक्षण को लेकर आंदोलन करने वाले संगठनों के नेताओं के साथ सरकार बर्बर कार्रवाई कर रही है। शहर में धारा 144 लगा दी गई है और ओबीसी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत एक दिन पहले ही आरएसएस का पथ संचलन हुआ और उस पर कोई रोक नहीं लगाई गई।
कांग्रेस पर्दे के पीछे ओबीसी के नाम पर खेल खेल रही:भाजपा
ओबीसी आंदोलन को लेकर शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगया है कि ओबीसी के नाम पर लोग राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस पर्दे के पीछे रहकर ओबीसी के नाम पर खेल खेल रही है। राज्य सरकार ने ओबीसी के हित में कई निर्णय लिए हैं, इसके बाद भी राजनीति की जा रही है। हाईकोर्ट की रोक के बाद भी नौैकरियों में 27 फीसदी आरक्षण दिया और पंचायत चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण के लिए प्रावधान किया। मगर कांग्रेस पंचायत चुनाव आरक्षण के खिलाफ अदालत गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंचायत चुनाव को बिना ओबीसी आरक्षण होने की परिस्थितियों की वजह से चुनाव निरस्त करा दिए गए हैं और अब सरकार वापस अदालत में अपना पक्ष रखने जा रहे हैं। राज्य व केंद्र सरकार दोनों ही इस दिशा में अदालत में प्रयास कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की माँग को लेकर आज भोपाल में प्रदर्शन की पूर्व से ही घोषणा की गयी थी। लेकिन पता नही शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से परहेज़ क्यों, सरकार उनके दमन पर क्यों उतारू हो गयी है। कमलनाथ ने भाजपा के कार्यक्रमों पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि भाजपा और उससे जुड़े संगठन को तमाम आयोजनो की छूट लेकिन ओबीसी वर्ग के आयोजन पर रोक..? पहले ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों व इस वर्ग के लोगों को नाकेबंदी कर भोपाल आने से रोका गया और अब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है, उनका दमन किया जा रहा है , आंदोलन को कुचलने का काम किया जा रहा है , उनके साथ मारपीट की जा रही है और यह सब ख़ुद को इस वर्ग की हितैषी बताने वाली सरकार में हो रहा है ?