समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उनके एक रथ के मुकाबले भाजपा के छह रथ नाकाम साबित हो रहे हैं। समाजवादी विजय रथ के पहिए जहां-जहां घूम रहे हैं, जनसमर्थन की आंधी उठ रही है। हर तरफ उमड़ता जनसैलाब संकेत दे रहा है कि अब भाजपा के दिन बीत गए हैं। समाजवादी विजय रथ अबाध गति से बढ़ता हुआ प्रचंड बहुमत के रास्ते को प्रशस्त करने में सफल होगा।
अखिलेश ने बुधवार को डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सन् 2022 में लोकतंत्र को बचाने का अंतिम चुनाव है। विधानसभा चुनावों में अपनी हार देखकर भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या पर उतारू हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ जब राजनीति में विश्वास का संकट पैदा हुआ है। सत्ता शीर्ष की भाषा अभद्र, मर्यादाविहीन और निंदापरक होती जा रही है। भाजपा का कोई विजन न होने से प्रदेश का विकास अवरुद्ध है।
उन्होंने कहा कि किसान तबाह है, नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं। उद्योग और काम-धंधे बंद हैं। भाजपा राज में प्रदेश की जनता कराह रही है। भाजपा ने जितने वादे किए या अपने संकल्प पत्र में लिखे वे पूरे नहीं हुए। कालाधन वापस लाने और हर एक के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा होने के वादों का तो अब जिक्र भी नहीं होता है। भाजपा ने वास्तव में कालाधन के समानांतर अर्थव्यवस्था कायम कर रखी है। जब तक भाजपा रहेगी तब तक कालाधन का धंधा बंद नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अपना काम बताने लायक कुछ भी नहीं है। भाजपा विरोधियों को प्रताड़ित करने और झूठ-फरेब की राजनीति करती है। चूंकि अब भाजपा अपनी निश्चित हार से डरी-सहमी है इसलिए वह षड्यंत्र करने में लगी है। जनता इससे भलीभांति अवगत है और वह किसी भी हालत में अब भाजपा को जीतने नहीं देगी। जनता समाजवादी पार्टी की जीत में ही अपनी जीत मान रही है।