आमतौर पर किसी वयस्क के लिए सामान्य शरीर का तापमान लगभग 98.6 फारेनहाइट माना गया है। पर एक ताजा वैज्ञानिक शोध का दावा है कि हर व्यक्ति के शरीर का सामान्य तापमान एक समान नहीं हो सकता। वैज्ञानिकों ने शोध के जरिए ऐसे कई कारकों का भी पता लगाया, जिनके आधार पर यह तय हो सकेगा कि आखिर किसी व्यक्ति के शरीर का कौन सा तापमान यह संकेत दे सकता है कि उसे डॉक्टरी निगरानी की जरूरत है।
अमेरिका के ‘नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन ने यह शोध किया है। इससे जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर थर्मामीटर लगाकर रीडिंग लेने पर सामान्य तापमान अलग-अलग होता है। बड़ी आंत के निचले हिस्से (मलाशय या रेक्टल) पर शरीर का सामान्य तापमान, मुंह (ओरल) में थर्मामीटर लगाकार ली गई रीडिंग के मुकाबले ज्यादा हो सकता है। जबकि बगल (आर्मपिट) में थर्मामीटर लगाकर ली गई रीडिंग कम हो सकती है।
उम्र और अंगों के हिसाब से अलग-अलग ताप
रीडिंग टाइप — 0 से 2 साल — 3 से 10 साल — 11 से 65 साल — 65 साल से अधिक
ओरल — 95.9 से 99.5 — 95.9 से 99.5 — 97.6 से 99.6 — 96.4 से 98.5
रेक्टल — 97.9 – 100.4 — 97.9-100.4— 98.6-100.6 — 97.1-99.2
आर्मपिट — 94.5 से 99.1 —96.6 से 98 — 95.3 से 98.4 — 96-97.4
ईयर — 97.5 से 100.4 — 97-100 —96.6-99.7 —96.4-99.5
तापमान डिग्री फारेनहाइट में
महिलाओं में अलग हो सकता सामान्य तापमान
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि लिंग के आधार पर भी शरीर का सामान्य तापमान अगल हो सकता है। महिलाओं के शरीर का तापमान माहवारी चक्र में बदल सकता है। बीएमजे जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन से पता लगा है कि अफ्रीकी-अमेरिकी महिलाओं के शरीर का ताप श्वेत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। जबकि उम्रदराज लोगों के शरीर का सामान्य ताप कम होता है।
दोपहर बाद ज्यादा रीडिंग मिलेगी
भोजन व तरल पदार्थ खाने के बाद भी शरीर के सामान्य तापमान में बदलाव संभव है। इसके अलावा, शरीर के सामान्य तापमान की रीडिंग में दिन के समय के हिसाब से भी बदलाव संभव है। जैसे- बहुत सुबह शरीर का तापमान बेहद कम और दोपहर के बाद सबसे ज्यादा होता है।
कई रोग भी सामान्य ताप बदल सकते हैं-
वैज्ञानिक शोध में पाया गया कि थाइराइड से पीड़ित लोगों के शरीर का सामान्य ताप कम हो सकता है जबकि कैंसर के मरीज का सामान्य तापमान अधिक हो सकता है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि 100 से लेकर 104 डिग्री फॉरेनहाइट तक का तापमान होने पर एक सामान्य व्यक्ति के शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं होता मगर हृदय रोग या फेफड़ों के रोगियों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
बच्चों में सौ से ऊपर ताप पर भी खतरा कम
वैज्ञानिक शोध में यह भी पाया गया कि तीन महीने से लेकर तीन साल तक के बच्चे को अगर बुखार है, मगर उसके शरीर का तापमान 102 डिग्री फॉरेनहाइट से कम बना हुआ है तो हर बार उसे दवाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी। पर अगर बच्चे के शरीर का तापमान 102.2 डिग्री फारेहाइट हो जाता है तब डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके अलावा, 102 फारेनहाइट से कम तापमान पर भी अगर बच्चा डी-हाइड्रेशन, उल्टी या डायरिया से पीड़ित है तो उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए।