मध्य प्रदेश के सनसनीखेज नेमावर हत्याकांड की जांच को आखिरकार सीबीआई को सौंपने का फैसला ले लिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। हत्याकांड में विशेषज्ञों के माध्यम से विवेचना की आवश्यकता महसूस किए जाने की वजह से छह महीने बाद इसे सीबीआई को सौंपने का फैसला किया गया है।
देवास जिले के नेमावर में एक आदिवासी युवती रूपाली का सुरेंद्र चौहान नाम के युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। मगर इस बीच सुरेंद्र चौहान की किसी दूसरी जगह शादी तय हो गई। रूपाली व सुरेंद्र के प्रेम संबंधों का सोशल मीडिया इंस्टाग्रा पर पोस्ट हो गया और इसके बाद रूपाली सहित उनकी ममता, बहन दिव्या, भतीजे पवन और भतीजी पूजा अचानक लापता हो गए थे। रूपाली का भतीजा और भतीजी तो किशोर उम्र के थे। 13 मई से इनकी गुमशुदगी हुई थी और 29 जून को सुरेंद्र के परिवार के खेत में करीब 10 गहरे फीसदी गड्ढे में गाड़ दिया गया था। उन्हें गुमशुदगी के करीब डेढ़ महीने बाद खेत में खुदाई में पांचों के शव बरामद हुृए थे।
सीबीआई जांच की मांग उठी थी
उल्लेखनीय है कि घटना के बाद कांग्रेस ने एक जांच दल नेमावर भेजा था। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मृतकों के परिवार से मिलने पहुंचे थे। कांग्रेस ने सीबीआईकी जांच की मांग उठाई थी। आदिवासियों के युवा संगठन जयस ने भी कई बार आंदोलन किए थे। संगठन ने मांग की थी कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, घटना की सीबीआई जांच कराई जाए।
नौ आरोपी पकड़े थे
नेमावर हत्याकांड में स्थानीय पुलिस ने जांच की थी और नौ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। मगर वे घटना को लगातार गुमराह करते रहे। इसमें आरोपियों के बयानों के कारण विवेचना सही नतीजे तक नहीं पहुंच पा रही थी। इस कारण राज्य सरकार ने अब जाकर केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया है।
सीबीआई को पत्र लिखा
नेमावर हत्याकांड में विशेषज्ञ एजेंसी से जांच की जरूरत महसूस की जा रही थी। आरोपियों के लगातार गुमराह करने की वजह से जांच में परेशानी आ रही थी, इसीलिए जांच सीबीआई को जांच सौंपने का फैसला किया है।
– डी श्रीनिवास, सचिव गृह, मध्य प्रदेश शासन