नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी के कारण डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के मंगलवार को कहा, ‘हमने अपनी मांगें पूरी होने तक सफदरजंग अस्पताल से अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है। शहर में रात का कर्फ्यू लगा है इसलिए हम सफदरजंग लौट आए और वहां से अपना विरोध जारी रखेंगे।’
वहीं, दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि आईटीओ के पास रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उसके कुल सात जवान घायल हो गए। पुलिस ने कहा, ‘पुलिस कर्मियों के कर्तव्य में बाधा डालने और विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए धारा 188 और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।’
बता दें कि सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से उच्चतम न्यायालय तक मार्च निकाला। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक लिया और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई। पुलिस ने कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया।
उधर, डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पुलिस पर बर्बरता’ का आरोप लगाया है। सोमवार को जारी बयान में कहा गया, ‘आज से सभी स्वास्थ्य संस्थानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हम इस क्रूरता की कड़ी निंदा करते हैं और फोर्डा के प्रतिनिधियों और रेजिडेंट डॉक्टरों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।’ एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम नीट 2021 काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे थे, जब दिल्ली पुलिस ने कई रेजिडेंट डॉक्टरों को हिरासत में लिया’। बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार शाम यहां सफदरजंग अस्पताल के पास विरोध मार्च भी निकाला।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी अलोचना की। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ”फूल बरसाना दिखावे का पीआर (जनसंपर्क) था, असलियत में अन्याय बरसा रहे हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ मैं कोरोना योद्धाओं के साथ हूं।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ”कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है कि पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाए। डॉक्टरों को झूठा पीआर (जनसंपर्क) नहीं, सम्मान व हक चाहिए।
इससे पहले 24 दिसंबर को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीट-पीजी काउंसलिंग संकट को हल करने और कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए जनशक्ति बढ़ाने के लिए एक पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है कि नीट पीजी परीक्षा जनवरी 2021 में आयोजित होने वाली थी, लेकिन कोरोना की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए स्थगित कर दी गई और 12 सितंबर, 2021 को आयोजित की गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की कानूनी बाधाओं के कारण अब काउंसलिंग रोक दी गई है, जिसके चलते फ्रंटलाइन पर 45000 डॉक्टरों की कमी है।